भारत आखिर कैसे जीत पाया ऑस्ट्रेलिया में सीरीज़? एक फैन के नजरिए से पढ़ें जीत के पीछे की कहानी

Enter caption

लम्बे समय तक अकेले कपिल देव ने ढोया तेज गेंदबाजी का भार

Ad
Allan Donald

भारत ने हमेशा से ही विश्व स्तरीय बल्लेबाज पैदा किए। जिन्होंने हर दौर में अपने तकनीकी कौशल, संयम और दमदार शॉट्स से दुनियाभर के फैंस का दिल जीता। यहां सभी बल्लेबाजों का नाम लेना मुनासिब नहीं होगा क्यूंकि फेहरिस्त काफी लंबी है। लेकिन जब बात गेंदबाजों की आती है खासकर तेज गेंदबाजों की, तब उनका नाम उंगलियों पर लिया जा सकता है। तेज गेंदबाजों के मामले में भारत हमेशा से अकालग्रस्त ही रहा। साल 1932 में जब से भारत ने क्रिकेट खेलना शुरू किया तब से लेकर अब तक बहुत कम गेंदबाज हुए जिन्हें सही मायनों में तेज गेंदबाज कहा जा सके। आप जानते हैं भारतीय टीम के पहले तेज गेंदबाज कौन थे? उनका नाम था मोहम्मद निसार। निसार भारत के लिए सिर्फ 6 टेस्ट मैच ही खेल पाए थे।

Ad
India Captain Kapil Dev holds aloft the 1983 World Cup

चलिए बात कपिल देव के युग से शुरू करते हैं। भारतीय क्रिकेट में लम्बे समय बाद कपिल देव के रूप में एक योग्य तेज गेंदबाज मिला था जिसे वाकई में तेज गेंदबाज कहा जा सकता था। टीम में कहने को तो अन्य गेंदबाज भी थे लेकिन उन्हें तेज कहना शायद मजाक होता। 1980 के उसी दौर में रोजर बिन्नी, बलविंदर संधू, मोहिंदर अमरनाथ और मदनलाल भी थे, लेकिन सभी के नाम के आगे मध्यम गति लिखा होता था। सालों तक भारतीय क्रिकेट में कपिल देव ही योग्य तेज गेंदबाज का भार अकेले अपने कंधों पर ढोते रहे। विपक्षी टीमें सोचती बस कपिल के ओवर निकल जाएं फिर सबको देख लेंगे।

Quick Links

Edited by सावन गुप्ता
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications