अच्छी शुरुआत के बाद लय से भटके इरफान और श्रीसंत
इसी दौरान इरफान पठान और टीनू योहानन भी टीम में आए। टीनू 3 टेस्ट में ही फेल होकर घर चले गए। तो वहीं इरफान पठान ने टेस्ट में हैट्रिक लेकर सबको प्रभावित भी किया। लेकिन पठान का टेस्ट सफर पांच साल और 29 मैचों तक ही सिमटकर रह गया। गेंदबाज के रूप में शुरुआत करने वाले पठान का मन बल्लेबाजी के लिए ललचाने लगा जिसके चलते वे न ढंग के बल्लेबाज बन सके और न ढंग के गेंदबाज ही रहे।
साल 2005 के बाद आरपी सिंह, वीआरवी सिंह, एस श्रीसंत और मुनाफ पटेल जैसे कुछ तेज गेंदबाज सामने आए। घरेलू क्रिकेट में तो ये सुनने को मिलता था कि मुनाफ पटेल गति के मामले में शोएब अख्तर को टक्कर दे रहे हैं। लेकिन बाद में जब मुनाफ ने अतंरराष्ट्रीय क्रिकेट खेली तो चोट और फॉर्म के चलते उनकी गति 120-130 के बीच आकर ठहर गई। आरपी सिंह का कमाल 14 मैचों तक ही बरकरार रह पाया।