ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर नाथन लियोन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) के उस फैसले पर सवाल उठाया है जिसमें स्टंप माइक के ऑडियो को हर समय ब्रॉडकास्ट करने की अनुमति दी गई है। नाथन ने कहा कि वो इस फैसले से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। आपको बता दें आईसीसी ने हाल ही में डब्लिन में हुई अपनी बैठक में स्टंप माइक के ऑडियो को हर समय ऑन रखने और उसे प्रसारित करने की अनुमति दे दी है। आईसीसी का कहना है कि इससे स्लेजिंग, अभद्र भाषा का इस्तेमाल, व्यक्तिगत टिप्पणी, अंपायर के फैसले पर सवाल उठाने जैसे घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। हालांकि नाथन लियोन इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका कहना है कि मैदान पर जो घटनाएं होती हैं उसको मैदान पर ही सुलझा लिया जाना चाहिए। लियोन ने कहा कि मैं ये नहीं कह रहा कि गाली-गलौज अच्छी बात है लेकिन जब आप रोमांचक मैच में बहुत ज्यादा दबाव के साथ खेल रहे होते हैं तो कभी-कभार जोश में ऐसा हो जाता है। इसका मतलब ये नहीं कि खिलाड़ियों के बातचीत की आवाज ब्रॉडकास्ट की जाए। आपको बता दें डब्लिन में हुई बैठक में आईसीसी ने बॉल टैंपरिंग (गेंद से छेड़छाड़) को लेकर सजा के प्रावधान भी कड़े कर दिए। अब कोई भी खिलाड़ी अगर बॉल टैंपरिंग करते हुए पाया जाता है तो उसे 6 टेस्ट मैच या 12 एकदिवसीय मैचों के लिए निलंबित किया जा सकता है। पहले बॉल टैंपरिंग करने पर लेवल 2 चार्ज के तहत दोषी खिलाड़ी के ऊपर एक टेस्ट या फिर 2 वनडे मैच का बैन लगाया जाता था। पहले गेंद से छेड़छाड़ लेवल 2 के तहत आता था, जिसे अब लेवल 3 के अंतर्गत कर दिया गया है। लेवल 3 का उल्लंघन करने की सजा कड़ी कर दी गई है। पहले जहां लेवल 3 का उल्लंघन करने पर 8 सस्पेंशन प्वाइंट मिलते थे, जिसके तहत 4 टेस्ट या 8 वनडे का बैन लगता था वहीं अब इस लेवल का उल्लंघन करने पर 12 सस्पेशंन प्वाइंट दिए जाएंगे।