तालिबान ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) को आश्वस्त किया है कि देश में चल रहे राजनीतिक गतिरोध के बीच क्रिकेट प्रभावित नहीं होगा। हालांकि अफगानिस्तान के अंदर मौजूद खिलाड़ी नहीं जानते कि कब क्या हो जाए और इस बात से उनकी चिताएं भी बनी हुई हैं। अफगानिस्तान के किकेटर नवीन उल हक (Naveen Ul Haq) ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।
हक को लगता है कि अफगानिस्तान में खेल का भविष्य संदेह के घेरे में है क्योंकि उन्होंने इससे जुड़ी अनिश्चितताओं को व्यक्त किया है। उन्होंने बीबीसी रेडियो के इंटरव्यू में कहा कि उनकी आंखों में, उनकी आवाज में, उनके संदेशों में भी डर है। तालिबान ने कहा है (वे) किसी भी खिलाड़ी को परेशान नहीं करेंगे, लेकिन कोई नहीं जानता। अगर आपको सकारात्मक खबरें मिलती हैं, अगर आप लोगों को एक साथ खुश देखते हैं, तो उसकी वजह केवल क्रिकेट है । यह अफगानिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है। यह अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक खेल से बढ़कर है।
इस समय कैरेबियन प्रीमियर लीग की तैयारी के लिए वेस्टइंडीज में गए नवीन उल हक़ का कहना है कि वापस देश लौटने के बाद वह क्रिकेट पर पूरी तरह से शायद फोकस नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए आप क्रिकेट पर फोकस करने के लिए इसे (तालिबान) को भूल जाएं, लेकिन यह आपके दिमाग में जम्प करता है। मैं नहीं कह सकता कि पूरी तरह से अपने क्रिकेट पर ध्यान केन्द्रित कर पाऊंगा क्योंकि आप अपने देश को इस तरह की स्थिति में देखते हैं, तो कुछ नहीं कह पाते।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान को श्रीलंका में पाकिस्तान के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला खेलनी है और अफगानिस्तान बोर्ड ने पहले श्रृंखला के पूर्ण आयोजन पर विश्वास व्यक्त किया था। पीसीबी ने पहले पाकिस्तान में सीरीज की मेजबानी करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इसे हरी झंडी नहीं दी क्योंकि उसकी राय थी कि सीरीज तटस्थ स्थान पर होनी चाहिए।
तटस्थ स्थान के लिए यूएई एक वेन्यू था लेकिन वहां आईपीएल और बाद में टी20 वर्ल्ड कप होना है। ऐसे में श्रीलंका को अब सीरीज के लिए चुना गया है। हालांकि वहां भी लॉकडाउन चल रहा है, ऐसे में सीरीज पर अभी और चीजें साफ़ होनी हैं।