4 साल पहले जुलाई 2016 में लॉर्ड्स के एतिहासिक मैदान पर नेपाल की टीम ने इतिहास बनाते हुए 5000 दर्शकों के सामने MCC XI को हरा दिया था। नेपाल की टीम पहली बार क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में खेल रही थी। ब्रिटेन और नेपाल के रिश्ते के 200 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में वह मैच करवाया गया था और मेहमान टीम ने 41 रनों से जीत हासिल की थी।
19 जुलाई को खेले गए 50 ओवरों के उस मैच में नेपाल ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 217/8 का स्कोर खड़ा किया था। नेपाल की तरफ से ज्ञानेंद्र मल्ला ने 39 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया और टीम को 200 के पार पहुँचाने में मदद की। आठवें विकेट के लिए सोम्पल कामी और बसंत रेगमी ने 42 रनों की अहम साझेदारी की थी। हालाँकि पारस खड़का और मल्ला ने टीम को 104/2 के बढ़िया स्कोर तक पंहुचा दिया था लेकिन इसके बाद लगातार विकेट गिरने से स्कोर कम रह गया था। MCC के कप्तान कीथ डच और चैड बैरेट ने दो-दो विकेट लिए थे।
यह भी पढ़ें - 3 मौके जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टीमें 10 रन के अंदर ऑल आउट हो गई
लक्ष्य का पीछा करते हुये MCC की टीम सिर्फ 176 रन ही बना सकी थी और 41 रनों से मैच गँवा दिया था। सागर पुन ने 35 रन देकर तीन विकेट लिए और MCC के सिर्फ तीन बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा पार कर सके। नेपाल के कप्तान पारस खड़का ने जीत के बाद कहा था कि लॉर्ड्स में खेलने को लेकर सभी उत्साहित थे और काफी दबाव में भी थे। बल्लेबाजी में हम 20-30 रन पीछे रह गए थे लेकिन गेंदबाजों ने बढ़िया प्रदर्शन कर हमें जीत दिलाई।"
नेपाल की टीम ने जीत के बाद जोरदार जश्न मनाया और कप्तान पारस खड़का ने टीम के साथ दर्शकों का अभिवादन भी स्वीकार किया था। उस मैच से जो भी पैसे इक्कठा हुए थे, उन्हें 2015 में नेपाल में आए भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए दिया गया था।