ऑस्‍ट्रेलिया के डग क्रोवेल उस दुर्लभ ग्रुप का हिस्‍सा हैं, जो 90 की उम्र में भी क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्‍होंने भले ही उच्‍चतम स्‍तर पर ऑस्‍ट्रेलिया का प्रतिनिधित्‍व नहीं किया, लेकिन खेल के प्रति जुनून उन्‍हें 91 की उम्र में भी मैदान पहुंचा रहा है। वह जल्‍द ही वेटरंस क्रिकेट के लिए मैदान पर लौटेंगे। ऑस्‍ट्रेलिया में वेटरंस क्रिकेट ऐसा टूर्नामेंट हैं, जहां 60 से अधिक उम्र वाले खिलाड़ी हिस्‍सा लेते हैं। यह ऐसी प्रतिस्‍पर्धी लीग है, जिसमें डग क्रोवेल 15 साल से खेल रहे हैं।डग क्रोवेल ने कहा, 'यह लीग उन लोगों के लिए है, जो अपना क्रिकेट करियर 30 या आसपास की उम्र में छोड़ देते हैं। उनमें खेलने की ललक बनी होती है और वो खुद को फिट रखते हैं।' यह प्रतियोगिता कैसे अलग है, यह बताते हुए डग क्रोवेल ने एबीसी न्‍यूज से बातचीत में कहा, 'गेंद अब बल्‍ले पर उतनी तेज नहीं आती, जितना पहले आती थी। अब गेंद पर शॉट मारना आसान है क्‍योंकि आप तक गेंद धीमी गति से पहुंचती है।'At the age of 91, Doug Crowell might be Australia’s oldest cricket player. He’s one of the thousands of Australian seniors getting back on the pitch to play Veterans Cricket. #abc730 pic.twitter.com/uRuypWWcd2— abc730 (@abc730) May 10, 2021भले ही डग क्रोवेल ने किसी के बारे में नहीं सुना हो कि कोई उनकी उम्र वाला अब भी प्रतिस्‍पर्धी क्रिकेट खेल रहा है या नहीं, लेकिन उनका इरादा खुद को ऑस्‍ट्रेलिया का सबसे उम्रदराज क्रिकेट घोषित करने का बिलकुल नहीं है।मैं अभी भी फिट हूं: डग क्रोवेलजब लोग 30 की उम्र में संन्‍यास ले लेते हैं, वहीं डग क्रोवेल का अब भी मानना है कि वह फिट हैं और मैदान पर आकर बल्‍ला घूमा सकते हैं व गेंदबाजी भी कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा, 'मैं कहता रहता हूं कि कुछ साल मुझे खींच सकते हैं, लेकिन कौन जानता है। मैं अब भी फिट हूं और अपना आनंद ले रहा हूं और जब भी मेरा चयन होगा तो मेरे ख्‍याल से मैं खेलने जाऊंगा।'डग क्रोवेल के पास युवावस्‍था में पेशेवर क्रिकेट के ज्‍यादा संसाधन नहीं थे क्‍योंकि उनकी छोटे किसान समुदाय के लिए कोई क्‍लब नहीं था। इसके अलावा विश्‍व युद्ध दो के दौरान फ्यूल की कमी का मतलब है कि उनके लिए दूसरी जगह यात्रा करके जाना नामुमकिन था।एक समय 1946 में उन्‍होंने विंटन क्रिकेट क्‍लब बनाया और वो इसका श्रेय अब भी देते हैं कि तब बुरी परिस्थितियों में खेलने से आज उन्‍हें मदद मिलती है।डग क्रोवेल ने कहा, 'हमने अपना क्रिकेट खेलना मुश्किल तरीके से सीखा, लेकिन इससे किसी को हानि नहीं पहुंची। महत्‍वपूर्ण बात यह है कि मैं अब भी खेल रहा हूं और मेरे ख्‍याल से ऐसा इसलिए क्‍योंकि हमारे पास अच्‍छे मैदान और पिच नहीं होती थी। हमें खुद को ढालना हाता था। हमारे पास मैदान को सही करने के उपकरण भी नहीं हैं।'डग क्रोवेल की रुकने की कोई योजना नहीं है और वह क्रिकेट से बहुत प्‍यार करते हैं व अभी खेलते रहना चाहते हैं। क्रोवेल ने बताया कि वह खुद को फिट रखने के सप्‍ताह में तीन बार टेनिस खेलते हैं।