अफगानिस्तान देश में बिगड़े हालातों और राजनीतिक बदलाव के चलते वहां की महिला क्रिकेट टीम पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। तालिबान का कब्ज़ा होने के बाद अफगानिस्तान महिला क्रिकेट टीम (Afghanistan Women's Cricket Team) को खत्म करने की खबरें सामने आ रही है। साथ ही आईसीसी (ICC) द्वारा मिले महिला क्रिकेट टीम का फुल मेंबर स्टेटस भी हट सकता है।
तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान की पुरुष क्रिकेट टीम को खेलने की अनुमति कार्यक्रम के अनुसार दे दी है, लेकिन महिलाओं की टीम को लेकर संशय बना हुआ है। क्योंकि तालिबानी सरकार ने देश में महिलाओं के विकास और नौकरी करने पर आपत्ति जताई है। जिसके चलते महिला क्रिकेट टीम पर भी गहरा संकट छाया हुआ है। अफगानिस्तान महिला टीम की खिलाड़ी रोया समीम ने द गार्जियन अख़बार को दिए एक इंटरव्यू में इस खबर को लेकर अहम खुलासे किये हैं।
रोया समीम ने मौजूदा हालातों और महिला टीम को लेकर कहा कि, 'तालिबान महिलाओं की शिक्षा के विरोध में हैं, तो वह कैसे महिलाओं को क्रिकेट खेलने देंगे? अफगानिस्तान देश को छोड़ना मेरे लिए बहुत दुखद रहा और मैं बस रो रही थी। मेरे पास जो कुछ था, मैं उससे बहुत खुश थी। मेरी नौकरी, मेरा क्रिकेट. मेरे साथी खिलाड़ी, मेरा घर, मेरे रिश्तेदार. मेरे पास जो कुछ था सभी को मैं पीछे छोड़ कर आ गई हूँ। जबकि आज भी मैं उस दिन को याद करके रो पड़ती हूँ।' रोया समीम ने बिगड़ते हुए हालातों को देखते हुए अफगानिस्तान से कनाडा जाने का विचार किया था और वह फ़िलहाल उधर ही मौजूद हैं।
रोया समीम ने इस सन्दर्भ में आगे कहा कि काबुल में तालिबान के आने के बाद हमने आईसीसी से गुहार लगाईं थी, कि प्लीज सभी लड़कियों को बचा लीजिये। हम अपने साथी महिला खिलाड़ियों के लिए चिंतित हैं। हम सभी ने आईसीसी को सन्देश भेजा था लेकिन हमें उधर से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने हमें क्यों जवाब नहीं दिया? उन्होंने हम पर क्यों ध्यान नहीं दिया? और हमें ऐसे देखा गया जैसे हम इस विश्व में है ही नहीं। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भी कुछ नहीं कहा बस यह कह दिया कि 'इंतज़ार करो'।