सानिया मिर्जा के RCB के साथ जुड़ने पर पूर्व भारतीय कप्‍तान ने जताई खुशी, दिया बड़ा बयान

Photo Courtesy : Royal Challengers Bangalore Twitter
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मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रत्‍येक खेल का अभिन्‍न हिस्‍सा रहा है, लेकिन शारीरिक रूप से अच्‍छे होने पर दुर्लभ ही इसे तरजीह दी गई है। किसी भी खिलाड़ी का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करने के लिए शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य बेहतर होना बहुत जरूरी है। पिछले कुछ समय में खिलाड़‍ियों ने मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में खुलकर कहना शुरू कर दिया है और टीम प्रबंधन ने भी इस पर विशेष ध्‍यान देना शुरू किया है।

इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) ने खिलाड़‍ियों के मानसिक भलाई को ध्‍यान में रखते हुए बड़ा कदम उठाया है। महिला प्रीमियर लीग (Women's Premier League) में आरसीबी प्रबंधन ने भारतीय टेनिस सुपरस्‍टार सानिया मिर्जा (Sania Mirza) को सीजन के लिए मेंटर बनाया है।

सानिया मिर्जा की टेनिस यात्रा दो दशक से ज्‍यादा की रही और वो अपार अनुभव के साथ आरसीबी खेमे में आई हैं। वो भले ही क्रिकेट नहीं खेली हो, लेकिन वो जानती हैं कि पेशेवर स्‍तर पर खेलते समय किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

पूर्व भारतीय कप्‍तान अंजुम चोपड़ा ने सानिया मिर्जा के आरसीबी खेमे से जुड़ने पर खुशी जताई। चोपड़ा ने कहा कि यह बहुत अच्‍छा तरीका है कि हमारे देश के चैंपियंस की वैल्‍यू की जा रही है। इसमें यह ध्‍यान नहीं रखा जा रहा कि वो कौन सा खेल खेलती हैं।

चोपड़ा ने कहा, 'सानिया मिर्जा का आना मुझे पसंद आया। वो स्‍थानीय व्‍यक्ति है और दक्षिण भारत में उनका कनेक्‍शन अच्‍छा है। देश के रूप में अच्‍छी बात है कि हम अपने अंतरराष्‍ट्रीय एथलीट्स का सम्‍मान कर रहे हैं, जिन्‍होंने देश का नाम रोशन किया। यह मायने नहीं रखता कि वो क्रिकेट खेलती है या नहीं।' चोपड़ा ने कहा कि चैंपियन एथलीट बहुत अच्‍छे से जानता है कि अहम मैच से पहले खिलाड़ी किस दौर से गुजरता है।'

सानिया मिर्जा ने मेंटर बनने के बाद कहा, 'मुझे क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता है। जब मुझे मेंटर बनाया गया तो मैं सोचने लगी कि क्‍यों करूंगी। मैं लड़कियों से क्‍या बातचीत करूंगी। मैंने हाल ही में संन्‍यास लिया है। तो मैं सोच रही थी कि अपनी जिंदगी का अगला पड़ाव क्‍या होगा। तो मेरा अगला कदम भारत में महिला एथलीटों की मदद करने की कोशिश होगी। मैं व्‍यक्तिगत खेल में थी तो फोटोशूट से लेकर मीडिया तक को खुद ही संभाला। तब मुझे लगा कि लड़कियों को कुछ बता सकती हूं। दबाव महसूस करना आम है, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि इससे निपटना कैसे है। भारतीय मीडिया की आवाज को दबाना मुश्किल है।'

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