अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के सहयोगी सदस्यों ने आईसीसी के नये प्रस्तावित आय वितरण मॉडल के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, क्रिकेट नियंत्रक संगठन की योजना है कि वे नई मॉडल को 2024-2027 के चक्र के लिए जुलाई में डरबन में होने वाली बोर्ड की बैठक में मतदान के लिए रखेंगे।
नवीनीकृत आय वितरण मॉडल में भारत को ICC द्वारा उत्पन्न की गई आय का एक तिहाई से अधिक हिस्सा मिलेगा। पूर्ण सदस्य संघ को कुल मिलाकर 88.81 प्रतिशत आय मिलेगी, जबकि 94 एसोसिएट देशों के बीच बाकी की आय वितरित की जाएगी जैसा की पहले सूचित किया गया था।
एसोसिएट देशों के मुख्य अधिकारियों ने जताई चिंता
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पहले से ही नवीनीकृत आय मॉडल पर विरोध जताया है और अब कुछ अन्य सहयोगी सदस्यों ने भी इसी तरह की चिंताएं रखी हैं। बोत्सवाना बोर्ड के उपाध्यक्ष सुमोद दामोदर ने भी Reuters से इस मुद्दे पर बात की और कहा,
यदि जो माॅडल प्रस्तावित और चर्चा में है, और अगर उसे लागू किया जा रहा है, तो मैं एक सहयोगी सदस्य प्रतिनिधि के रूप में निराश हो जाऊंगा। सहयोगी सदस्यों के लिए ये पर्याप्त नहीं होगा, इसके कई व्यावहारिक कारण हैं।
वहीं वानुआतू क्रिकेट एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कटलर ने भी इस मामले में टिप्पणी की और कहा,
नया मॉडल अब अधिक मायने रखने वाले क्रिकेट राष्ट्रों के पक्ष में अधिक झुका हुआ लगता है, और यह संकेत करता है कि प्रस्तावित परिवर्तन इस असंतुलन को और बढ़ा सकते हैं, जिससे खेल का भविष्य अधिक जोखिम में पड़ सकता है।
आय बांटने के अंतिम प्रतिशत के अलावा, कुछ सदस्य उस मापदंड से भी असंतुष्ट हैं जिसके द्वारा ये आंकड़े निर्धारित किए जा रहे हैं।
बता दें कि क्रिकेट नियंत्रक संगठन, क्रिकेट इतिहास, पिछले 16 वर्षों में आयोजित आईसीसी के आयोजनों में प्रदर्शन और आईसीसी के आय में योगदान को ध्यान में रखते हुए इस चक्र के लिए अंतिम आय का निर्धारण कर रहा है।