शोएब अख्‍तर ने इंग्‍लैंड के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज से पहले टीम इंडिया को लेकर दी बड़ी प्रतिक्रिया

शोएब अख्‍तर
शोएब अख्‍तर

पाकिस्‍तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्‍तर का मानना है कि इंग्‍लैंड के खिलाफ आगामी टेस्‍ट सीरीज में भारतीय टीम के लिए कठिन समय होगा। अख्‍तर ने कहा कि इंग्‍लैंड के तेज गेंदबाजों को स्थितियों का अच्‍छे से अंदाजा है और ऐसे में उन्‍हें भारतीय तेज गेंदबाजों से ज्‍यादा फायदा मिलेगा।

स्‍पोर्ट्सकीड़ा के साथ एक्‍सक्‍लूसिव बातचीत में शोएब अख्‍तर ने बताया कि आगामी टेस्‍ट सीरीज में टीम इंडिया को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

शोएब अख्‍तर ने कहा, 'इंग्‍लैंड के गेंदबाजों को फायदा मिलेगा, विशेषकर आर्चर और एंडरसन को। हम सभी को एंडरसन और कोहली के बीच का इतिहास पता है। निश्चित है कि इंग्‍लैंड को फायदा है क्‍योंकि वो अपनी घरेलू परिस्थिति में खेलेगा।'

अख्‍तर ने ध्‍यान दिलाया कि जितना जल्‍दी भारतीय गेंदबाज अपनी लेंथ पकड़ लेंगे, उतना टीम के लिए बेहतर होगा। 45 साल के अख्‍तर ने तेज गेंदबाज की मानसिकता में आक्रमकता का महत्‍व बताया है।

शोएब अख्‍तर ने कहा, 'तेज गेंदबाज की आक्रमकता उसकी लेंथ में होती है। लोग सोचते हैं कि मैं आक्रामक था क्‍योंकि बाउंसर मारता था, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं आक्रामक था क्‍योंकि मैं निरंतर सही जगह पर गेंद डालता था और गति के साथ। गति के साथ मिश्रण करता था। तो भारतीय टीम से जो भी टेस्‍ट सीरीज में खेले, वो आक्रमकता और गति के साथ सही क्षेत्र में गेंद डाले। वो मिश्रण के साथ ऐसा करता रहे, जो कि महत्‍वपूर्ण चीज है।'

शोएब अख्‍तर ने एक पुराना किस्‍सा बताकर अपनी सलाह को सार्थक ठहराया। उन्‍होंने 2002 में एक टेस्‍ट मैच की बात बताई, जब अपनी तेज गेंदबाजी के साथ मिश्रण और सही लेंथ पर गेंदबाजी के कारण पूर्व ऑस्‍ट्रेलियाई कप्‍तान को परेशान किया था।

आत्‍मविश्‍वास से मुश्किल परिस्थितियों में कामयाब होंगे गेंदबाज: शोएब अख्‍तर

शोएब अख्‍तर ने बताया कि मुश्किल परिस्थितियों में सफलता हासिल करने के लिए भारतीय गेंदबाजों को अपनी मानसिकता मजबूत रखना होगी। उन्‍होंने कहा कि किसी गेंदबाज में स्‍पष्‍ट विचार प्रक्रिया और आत्‍म-विश्‍वास बहुत जरूरी है।

रावलपिंडी एक्‍सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्‍तर ने कहा, 'एक बार आपने लेंथ में अपनी आक्रमकता खोज ली, तो इसे जाने मत देना। सुनिश्चित करें कि आपका मैच आपके दिमाग में हैं, न कि बल्‍लेबाज के साथ। यह मेरी शैली है, जो आपके काम आएगी। ऐसी मानसिकता आपकी होनी चाहिए।'

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Edited by Vivek Goel