भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का योगदान टीम इंडिया के लिए हमेशा टॉप पर रहा है। 19 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले युवराज सिंह ने अपने पहले ही मैच से बताया कि वह क्रिकेट जगत के सुपरस्टार साबित होंगे। दो साल पहले उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था लेकिन उनके चर्चे अभी भी दुनिया में कायम है। हाल ही में युवराज सिंह ने अपना एक आइकोनिक बल्ला अंतरिक्ष में भेजा, जिससे उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय शतक जड़ा था।
पहली बार एशिया का सबसे बड़ा एनएफटी बाज़ार, कोलेक्सियन अंतरिक्ष में सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए आगे आया और पिछले सप्ताह मेटावर्स में महान भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह की बेशकीमती संपत्ति (बल्ला) लेकर उपग्रह एनएफटी लॉन्च किया गया। कोलेक्सियन ने इस अभूतपूर्व पहल के लिए 2011 एकदिवसीय विश्व कप विजेता बल्लेबाज युवराज के साथ भागीदारी की। उन्होंने एक गुब्बारे की मदद से युवराज सिंह का यह बल्ला अंतरीक्ष में भेजा, जिसका वीडियो युवराज ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर भी किया है।
एक गर्म हवा के गुब्बारे को पृथ्वी से उड़ाया गया, जिसमें युवराज सिंह का प्रतिष्ठित बल्ला था। उन्होंने ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ 2003 के एकदिवसीय मैच में इस बल्ले से अपना पहला शतक दर्ज किया था। युवराज सिंह ने इस सन्दर्भ में कहा कि, 'मैं विशेष रूप से कोलेक्सियन पर अपनी पहली एनएफटी अंतरिक्ष यात्रा साझा करने के लिए उत्साहित हूं। इस तरह के एक नए मंच पर अपने प्रशंसकों के साथ जुड़ना रोमांचक है और मैं पहली सदी के बल्ले की तरह अपनी कुछ सबसे कीमती चीजों को साझा करने के लिए भी उत्सुक हूं।'
युवराज सिंह के इस बल्ले पर तकनीकी रूप से कुछ यंत्र फिट किये गए, जिसमें हम बल्ले को अंतरिक्ष में उड़ता देख सकते हैं। साथ ही इस बल्ले पर युवराज सिंह के ऑटोग्राफ भी मौजूद थे। हालांकि कुछ समय बाद यह बल्ला नीचे धरती पर आ गया और एक दिलचस्प मिशन पूरा हुआ।