दक्षिण अफ्रीका और भारत (SA vs IND) के बीच 26 दिसंबर से टेस्ट सीरीज का पहला मैच सेंचूरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में खेला जायेगा। भारतीय टीम (Indian Cricket Team) दक्षिण अफ्रीका की जमीन पर आजतक एक भी टेस्ट सीरीज में नाकाम रही है। हालांकि टीम इंडिया ने राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की कप्तानी में साल 2006/07 के दौरे पर भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को सीरीज के पहले टेस्ट में मात दी लेकिन उसके बाद हुए दोनों मुकाबले गँवा दिए। इस टेस्ट सीरीज को याद करते हुए टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर (Wasim Jaffer) ने कई बड़े खुलासे किये है।
वसीम जाफर ने उस दौरे पर इस्तेमाल हुई पिचों को लेकर अहम बयान न्यूज18 को दिया और कहा कि, '15 साल पहले जब हम दक्षिण अफ्रीका गए थे, तो हमें द वांडरर्स (जोहान्सबर्ग) में एक डरा देने पिच मिली थी। पिच पर पानी की कमी थी। लेकिन हमारे वहां खेले जाने से पहले से ही समग्र स्थिति बदल गई। एक बल्लेबाज के रूप में, मैं कहूंगा कि दक्षिण अफ्रीका टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए एक चुनौतीपूर्ण जगह है।
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने आगे कहा कि, 'वास्तव में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड रन बनाने के लिए सबसे कठिन स्थान हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ तेज गेंदबाजों को गति और उछाल मिलता है। लेकिन जैसा कि मैंने कहा, हाल ही में वहां स्थितियां बदली हैं। कभी-कभी आप पिच पर बहुत अधिक दरारें पाते हैं और थोड़ा परिवर्तनशील उछाल होता है। मुझे वास्तव में आश्चर्य होता है कि ये चीजें वहां हो रही हैं।'
दक्षिण अफ्रीका में शतक लगाने वाले बेहतरीन पल को याद करते हुए वसीम जाफर ने आगे कहा कि, 'जाहिर है कि पहली पारी में 116 रनों की पारी टेस्ट क्रिकेट में मेरी शानदार पारियों में से एक थी। मुझे याद है कि पिच बहुत सूखा था। यह एक उपमहाद्वीप की तरह की पिच थी। उस पिच पर तीसरे दिन के बाद स्पिनरों को मदद मिली। मेरी वहां शतक बनाने की अच्छी यादें जुड़ी हुई हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में रन बनाना हमेशा खास होता है।'