भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने 2011 विश्व कप की जीत पर विचार करते हुए एक तीखी टिप्पणी की है। गंभीर ने कहा है कि पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को भारतीय टीम को विश्व कप के फाइनल तक पहुंचने में मदद करने के लिए उचित श्रेय नहीं दिया गया क्योंकि मीडिया ने इसके बजाय एमएस धोनी (MS Dhoni) के खिताब जीतने वाले छक्के पर ध्यान केंद्रित किया।
गंभीर ने इस फाइनल मुकाबले को जीतने में धोनी के साथ मिल कर महत्वपूर्ण साझेदारी की थी और 97 रनों की यादगार पारी खेली थी। वहीं, युवराज सिंह पूरे टूर्नामेंट में भारत के सबसे बड़े मैच विजेता साबित हुए थे। युवराज ने नौ मैचों में 362 रन बनाए थे और इसके साथ ही गेंद के साथ 15 विकेट भी लिए थे। इस ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
मीडिया बस एमएस धोनी के उस छक्के के बारे में बात करता रहता है - गौतम गंभीर
गंभीर ने रेवस्पोर्ट्ज़ से बात करते हुए कड़े शब्दों में युवराज सिंह को विश्व कप 2011 की जीत का पर्याप्त श्रेय नहीं मिलने पर अपनी नाराजगी जाहिर की और सिर्फ धोनी के जीत के छक्के के बारे में बात करने के लिए मीडिया को आड़े हाथों लिया। गंभीर ने कहा,
हमने 2011 विश्व कप के लिए युवराज को पर्याप्त श्रेय नहीं दिया। यहां तक कि जहीर खान, सुरेश रैना और मुनाफ पटेल को भी। सचिन तेंदुलकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, लेकिन क्या हम उसके बारे में बात करते हैं? मीडिया भी बस एमएस धोनी के उस छक्के के बारे में बात करता रहता है। आप व्यक्तियों के प्रति लीन हो चुके हैं और आप टीम को भूल गए हैं।
फाइनल मुकाबले में शतक बनाने से सिर्फ तीन रन से चुकने पर भी गंभीर ने अपनी टिप्पणी दी और कहा,
जब मैंने वह पारी खेली तो मेरी सोच जश्न मनाने के बारे में नहीं थी। मेरी सोच थी कि क्या मैं 100 करोड़ लोगों को खुश कर सकता हूं, अगर मैं अपने देश को गौरवान्वित कर सकता हूं, तो बस इसलिए मैंने अपना बल्ला उठाया है।