भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि अगले साल होने वाले अगले टी-20 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को टी-20 क्रिकेट टीम की कप्तानी हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को सौंप देनी चाहिए। भारत के पूर्व क्रिकेटर का कहना है कि बीसीसीआई को उसी रास्ते का इस्तेमाल करना चाहिए, जिस रास्ते का इस्तेमाल उन्होंने 2007 में हुए पहले टी-20 वर्ल्ड कप से पहले किया था और युवा महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को भारतीय टीम का कप्तान बनाया था। रवि शास्त्री ने ईएसपीएन के कार्यक्रम रनऑर्डर पर बातचीत करते हुए कहा कि,
"हर कोई खेलने के लिए क्वालीफाई कर सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि हार्दिक टीम का नेतृत्व करेंगे।" "अगले दो वर्ल्ड कप [2023 वनडे वर्ल्ड कप के बाद] टी20 क्रिकेट वाले हैं। वह पहले से ही भारत के कप्तान (टी-20 में स्टैंडबाय) हैं, इसलिए वह अगर अनफिट ना हो, तो अपना काम करते रहेंगे। ऐसे में मुझे लगता है कि वे (चयनकर्ता) एक नई दिशा में देखेंगे। इस समय युवाओं में बहुत प्रतिभा है। आपके पास काफी हद तक नई टीम हो सकती है, नई नहीं तो कुछ नए चेहरे जरूर होंगे। हालांकि, अभी भी बहुत सारे खिलाड़ी ऐसे होंगे, जो भारत के लिए आखिरी टी-20 मैच खेले थे, लेकिन कुछ नए चेहरे भी जरूर दिखाई देंगे क्योंकि इस साल के आईपीएल में जो हमने देखा है, उसमें बहुत सारे नए युवा टैलेंट हैं।"
रवि शास्त्री का मानना है कि भारत को 2007 वर्ल्ड कप जैसा रास्ता अपनाना चाहिए, जिसमें भारत ने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ जैसे कुछ बड़े खिलाड़ियों को बाहर रखकर युवा महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में एक युवा टीम को वर्ल्ड कप में भेजा था और उस टीम ने पहला वर्ल्ड कप जीता भी था। इसके बारे में बात करते हुए भारत के पूर्व हेड कोच ने कहा कि,
"मुझे लगता है कि वे 2007 के रास्ते पर चलेंगे, जहां वे प्रतिभा की पहचान करेंगे और चयन के मामले में हार्दिक के पास कई विकल्प होंगे।" "क्योंकि उनके विचार अलग होंगे, उन्होंने एक फ्रेंचाइजी के कप्तान के रूप में आईपीएल खेला है और कई अन्य खिलाड़ियों को देखा है। उनके पास उनके इनपुट होंगे।"
ऐसे में अब देखना होगा कि हार्दिक पांड्या को बीसीसीआई टी-20 क्रिकेट टीम की कप्तानी सौंपती है या नहीं और अगले टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम कितने नए और युवा खिलाड़ियों के साथ टूर्नामेंट खेलने जाती है।