श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया के हेड कोच रहे राहुल द्रविड़ ने यह बताने से साफ इंकार कर दिया कि आगामी टी20 विश्व कप के लिए स्पिन के मामले में उनकी पसंद क्या है। भारत को भले ही टी20 इंटरनेशनल सीरीज में 1-2 की शिकस्त झेलनी पड़ी, लेकिन स्पिनर्स का समय अच्छा रहा।
युजवेंद्र चहल ने वनडे सीरीज और पहले टी20 इंटरनेशनल मैच में प्रभावित किया और फिर उन्हें एकांतवास होना पड़ा। राहुल चाहर, वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव ने भी सीरीज में प्रभाव बनाया।
मैच के बाद राहुल द्रविड़ से पूछा गया कि अगर मौका मिले तो टी20 विश्व कप के लिए किन स्पिनर्स का चयन करना चाहेंगे। इस पर द्रविड़ ने चतुराई से जवाब दिया, 'मैं ऐसा नहीं करने वाला। मैं इस टीम का कोच हूं। मैं सार्वजनिक रूप से नाम नहीं लूंगा। मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि सभी ने अच्छा प्रदर्शन किया। हम भाग्यशाली हैं कि इस तरह की गहराई और गुण हमारी टीम में हैं। दो या तीन या फिर जितने भी स्पिनर्स चयनकर्ता चुनेंगे, वो शानदार होंगे और अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। यह चयनकर्ताओं पर निर्भर है कि वो फैसला करें कि उन्हें कौन चाहिए और उनका ध्यान किस पर है।'
द्रविड़ ने आगे कहा, 'कोच के नाते कहूंगा कि इन चारों ने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने अपनी क्षमता दिखाई और यह देखना सुखद रहा कि सफेद गेंद क्रिकेट में हारे पास गुणी स्पिनर हैं।'
युजवेंद्र चहल ने पहले टी20 इंटरनेशनल मैच में 19 रन देकर एक विकेट लिया था। चाहर ने सीरीज में चार विकेट लिए, जिसमें आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच के तीन विकेट शामिल है। वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव ने दो-दो विकेट लिए।
पूरी सीरीज में शानदार रहे वनिंदु हसरंगा: राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ ने स्वीकार किया कि प्रमुख खिलाड़ियों के उपलब्ध नहीं रहने के कारण टीम इंडिया को पहले टी20 इंटरनेशनल मैच के बाद मुश्किल हुई, लेकिन साथ ही उन्होंने श्रीलंकाई गेंदबाजों की तारीफ की। उन्होंने वनिंदु हसरंगा और दुष्मंथ चमीरा की तारीफ की।
द्रविड़ ने कहा, 'पहले मैच के बाद चुनौतीपूर्ण स्थिति थी। मगर कई युवाओं को इस तरह के मैचों से हमेशा अच्छे मौके और सीख मिलती है। इससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का एक्सपोजर मिलता है और इससे पता चलता है कि चुनौतीपूर्ण विकेट पर किस तरह खेलना है। ऐसा लगा था कि यहां 130-140 रन बनेंगे। मगर श्रीलंकाई गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन करके हमें कम स्कोर पर रोका।'
द्रविड़ ने आगे कहा, 'पिछले दो मैचों में हमारे पास बल्लेबाज कम थे, जो हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। मगर मेरे लिए सकारात्मक बात यह है कि लड़कों ने लड़ने का जज्बा दिखाया। दूसरे मैच में हमने काफी करीबी मैच खेला। अगर कुछ गेंदें इधर-उधर होती तो हम वो मैच जीत जाते। आज हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। वनिंदु हसरंगा और दुष्मंथ चमीरा दोनों ने पूरी सीरीज में शानदार गेंदबाजी की। हमने शुरूआत में ही काफी विकेट गंवा दिए थे। 81 कभी भी पर्याप्त स्कोर नहीं था।'