विशाखापट्टनम टेस्ट भारत की ओर से यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) का बल्ला जमकर चला। पहली पारी में यशस्वी की दहाड़ के आगे इंग्लैंड का हर गेंदबाज बेबस नजर आया। यशस्वी ने पहली पारी में 209 रनों की यादगार पारी खेली। उनके इस दोहरे शतक से पूरे देश में खुशी की लहर है। ऐसे में उनके बचपन के कोच ज्वाला सिंह (Jwala Singh) खुश कैसे नहीं होते। अपने इस शिष्य की पारी देखकर कोच ज्वाला सिंह खुशी से गदगद हो गए। उन्होंने इस पारी के बाद यशस्वी की जमकर तारीफ की।
यशस्वी की इस धमाकेदार पारी के बाद पीटीआई से बात करते हुए ज्वाला सिंह ने कहा कि ‘अगर आपने उनके जूनियर क्रिकेट को देखा हो तो उन्होंने मुंबई अंडर-16, ईरानी कप, दलीप ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में काफी पहले ही दोहरा शतक लगा चुके हैं। अपने आक्रमक अंदाज के कारण वह लंबी पारी खेलने में सक्षम हैं। वह हमेशा विरोधी टीम के गेंदबाज पर बाउंड्री मारकर दवाब बनाता रहते हैं। उसने इसी तरह से अपना क्रिकेट, स्ट्रोक और मानसिकता विकसित की है। टी20 फॉर्मेट में वह बिल्कुल अलग रवैया से खेलते हैं। वह किसी भी चीज को बहुत जल्दी सीखते हैं यह उसे अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती है।’
ज्वाला सिंह ने यह भी बताया कि जायसवाल को प्लास्टिक बॉल से प्रैक्टिस करना भी काफी काम आई। उन्होंने बताया कि ‘जब वह दुबई आईपीएल 2021 से आया तो बहुत घबराए हुए थे। उन्होंने मुझसे कहा कि कि सर मेरा क्रिकेट खत्म हो गया है। वह उस समय बहुत आक्रमक अंदाज में नहीं खेलते थे। कोराना के दौरान मैं उन्हें अपने पैतृक गांव गोरखपुर लेकर गया। यहां वह लंबे समय तक बल्लेबाजी का अभ्यास करते थे। प्लास्टिक गेंद से स्ट्रोक बनाने में भी जायसवाल को काफी मदद मिली। वह पुल और कट शॉट के लिए प्लास्टिक गेंद का इस्तेमाल करते थे और घंटो अभ्यास करते थे।’