"ऋषभ पंत बैटिंग पोजीशन से ज्यादा अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान दें" - आशीष नेहरा की बड़ी प्रतिक्रिया

भारत के लिए छोटे प्रारूप में ऋषभ पंत के आंकड़े काफी साधारण हैं
भारत के लिए छोटे प्रारूप में ऋषभ पंत के आंकड़े काफी साधारण हैं

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कार्यवाहक कप्तान की भूमिका निभा रहे युवा ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के लिए बल्ले के साथ यह टी20 सीरीज (IND vs SA) काफी साधारण साबित हुई है। तीन मैचों में पंत के बल्ले से महज 40 रन निकले हैं और पिछले दो मैचों में वह दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुँच पाए हैं। वहीं पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा (Ashish Nehra) का मानना है कि पंत प्रदर्शन करने के लिए खुद पर काफी ज्यादा दबाव डाल रहे हैं।

मौजूदा टी20 सीरीज के पहले आईपीएल के पन्द्रहवें सीजन में भी यह बल्लेबाज अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाया था। 14 लीग मैचों में पंत के बल्ले से एक भी अर्धशतक नहीं निकला था।

क्रिकबज पर बात करते हुए, नेहरा ने कहा कि पंत के पास टी20 में बेहतर होने के लिए पर्याप्त अनुभव है। उन्होंने कहा,

इस साल आईपीएल पर नजर डालें तो रिकी पोंटिंग ने कहा कि ऋषभ पंत सीजन में अपने प्रदर्शन से काफी नाखुश थे। ऋषभ की उम्र लगभग 24 है, लेकिन वह अब पांच साल से आईपीएल में खेल रहे हैं। इसलिए, वह अब इस छोटे प्रारूप के एक अनुभवी खिलाड़ी हैं।

पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव की वापसी के बाद पंत को शायद नंबर 4 पर बल्लेबाजी का मौका मिले। ऐसे में उन्हें अपनी मौजूदा बल्लेबाजी पोजीशन को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि खुल कर अपना स्वाभाविक खेल खेलना चाहिए। नेहरा ने आगे कहा,

वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नंबर 4 की भूमिका निभा रहे हैं, और जाहिर है, उन पर हमेशा दबाव रहेगा क्योंकि बहुत प्रतिस्पर्धा है। सूर्यकुमार यादव हैं, भविष्य में विराट कोहली की भी वापसी होगी. ऐसा होगा। इस सीरीज में मैं चाहूंगा कि ऋषभ पंत अपनी बल्लेबाजी की स्थिति से ज्यादा अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान दें।

हार्दिक पांड्या और राहुल द्रविड़ को पंत की मदद करनी चाहिए - आशीष नेहरा

पंत की हालिया खराब फॉर्म के बावजूद, नेहरा का मानना है कि यह बल्लेबाज अपनी फॉर्म से बस एक अच्छी पारी दूर है। हालांकि, उन्हें लगता है कि 24 वर्षीय कप्तान कप्तानी के कारण थोड़ा अधिक दबाव ले रहे हैं, जिससे उनकी बल्लेबाजी प्रभावित हुई है। ऐसे में नेहरा का मानना है कि हेड कोच और उपकप्तान हार्दिक पांड्या की भूमिका अहम हो जाती है। उन्होंने अपनी बात को समझाते हुए कहा,

इससे (बल्लेबाजी की पोजीशन) कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ता। वह कैसे कप्तानी करते हैं, कितना बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.. उन्हें अपनी मानसिकता बदलने के लिए केवल एक पारी की जरूरत है। यह महत्वपूर्ण है कि वह खुद पर ज्यादा दबाव न डालें। सीनियर खिलाड़ी हार्दिक पांड्या और यहां तक कि राहुल द्रविड़ को भी वहां उनकी मदद करनी चाहिए।

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