गुजरात टाइटंस (GT) के खिलाफ रोमांचक मुकाबले में पंजाब किंग्स (PBKS) की हार के बाद आखिरी ओवर डालने ओडियन स्मिथ (Odean Smith) और कप्तान मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) के फैसले की आलोचना हो रही है। हालाँकि टीम के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) ने स्मिथ और मयंक दोनों का ही बचाव किया है।
गुजरात को आखिरी तीन गेंदों में 13 रन की दरकार थी। ओडियन स्मिथ ने डेविड मिलर के खिलाफ डॉट गेंद डाली लेकिन नॉन-स्ट्राइकर पर राहुल तेवतिया को रन आउट करने के प्रयास में ओवरथ्रो कर दिया। इसके बाद दोनों बल्लेबाजों ने एक रन ले लिया और स्ट्राइक पर तेवतिया आ गए और उन्होंने आखिरी दोनों गेंदों पर छक्के जड़ कर अपनी टीम को जीत दिला दी।
जब अर्शदीप से इस ओवरथ्रो की गलती के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे मात्र जिम्मेदार ठहराने से मना कर दिया। उनके मुताबिक टीम अपनी गलतियों की समीक्षा करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम जीत जाते तो फिर ऐसे सवाल नहीं उठते। तेज गेंदबाज ने कहा,
पाजी (भाई), अगर हम पीछे देखें, तो ऐसी बहुत सी चीजें होंगी। लेकिन हम मैच के दिन उन चीजों के बारे में नहीं सोचते हैं। हम संक्षेप में अपनी गलतियों को देखेंगे और कल हमने क्या अच्छा किया। मुझे लगता है ये सवाल सिर्फ नतीजे की वजह से उठते हैं। अगर हम जीत गए होते तो ये सवाल नहीं उठते।
आखिरी लम्हों में टीम की भावनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले 2-3 सालों में टीम इस तरह स्थितियों से कई बार गुजरी है और अब आदत है। 23 वर्षीय ने कहा,
पाजी, भावनाएं अब स्थिर हो गई हैं क्योंकि पिछले दो-तीन वर्षों में पंजाब किंग्स या किंग्स इलेवन पंजाब के साथ इस तरह की रोमांचक आखिरी गेंद, रोमांच आखिरी के कुछ ओवर। इसलिए यह कुछ खास नहीं था। स्थिति जो भी हो, हम स्थिर रहने की कोशिश करते हैं, चाहे हम जीतें या हारें, हम टीम के माहौल को स्थिर रखने और अपने क्रिकेट का आनंद लेने की कोशिश करते हैं।
हम नतीजे के आधार उस निर्णय को नहीं आंक सकते - अर्शदीप सिंह
जब अर्शदीप से यह कहा गया कि अगर पारी का 18वां ओवर ओडियन स्मिथ डालते और वह अंतिम ओवर डालते तो चीजें अलग हो सकती थी। इस पर तेज गेंदबाज ने कहा कि चीजें अनुमानों के आधार पर नहीं चलती।
पंजाब किंग्स के तेज गेंदबाज कहा कि उस पल को ध्यान में रखते हुए टीम का फैसला सही था और हम नतीजे के आधार पर निर्णय नहीं ले सकते।
पाजी, आपके सवाल में 'शायद' था इसलिए 'शायद अगर मैं गेंदबाजी करता ...', 'शायद अगर मैं गेंदबाजी नहीं करता ...' तो कुछ भी हो सकता था। मुझे लगता है कि उस समय लिया गया निर्णय बिल्कुल सही था। हम नतीजे के आधार पर उस निर्णय का न्याय नहीं कर सकते। हमने उस पल में जो सही महसूस किया, हमने किया।