"सुनील गावस्‍कर के वीडियो देखकर आज के खिलाड़ी बहुत कुछ सीख सकते हैं", पूर्व पाकिस्‍तानी कप्‍तान का बड़ा बयान

जावेद मियांदाद ने कहा कि आज के खिलाड़ी गावस्‍कर के वीडियो से काफी कुछ सीख सकते हैं
जावेद मियांदाद ने कहा कि आज के खिलाड़ी गावस्‍कर के वीडियो से काफी कुछ सीख सकते हैं

सुनील गावस्‍कर (Sunil Gavaskar) से आपने जावेद मियांदाद (Javed Miandad) के मजेदार किस्‍से कई जगहों पर सुने होंगे। जावेद मियांदाद भी पूर्व भारतीय कप्‍तान (Indian Cricket team) के साथ अपने मैदानी व्‍यवहार के बारे में कई बातें बता चुके हैं। हालांकि, जब सम्‍मान की बात आती है तो जावेद मियांदाद और सुनील गावस्‍कर एक-दूसरे की तारीफ करने से पीछे नहीं हटते। जावेद मियांदाद को सुनील गावस्‍कर की बल्‍लेबाजी तकनीक काफी पसंद है कि किस तरह उन्‍होंने अपने समय के सर्वश्रेष्‍ठ तेज गेंदबाजों का सामना किया।

मियांदाद का मानना है कि मौजूदा खिलाड़‍ियों को गावस्‍कर की बल्‍लेबाजी की वीडियो क्लिप देखनी चाहिए कि वो कैसे विश्‍व के सर्वश्रेष्‍ठ तेज गेंदबाजों जैसे माइकल होल्डिंग, एंडी रॉबर्ट्स, माल्‍कॉम मार्शल, इमरान खान, रिचर्ड हेडली, डेनिस लिली और अन्‍य का डटकर सामना करते थे।

पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा जारी वीडियो में मियांदाद ने कहा, 'यह देखना शानदार था कि छोटा कद होने के बावजूद भी वो कितने बढ़‍िया तरीके से दुनियाभर में खेले। उनकी निरंतरता और प्रदर्शन बेहतरीन थे।'

मियांदाद का मानना है कि 5 फीफ 5 इंच की हाइट होने के बावजूद गावस्‍कर जिस संतुलन और डिफेंस के साथ मजबूत तेज गेंदबाजों का सामना करते थे, उससे काफी कुछ सीखा जा सकता है।

जावेद मियांदाद ने कहा, 'आज के खिलाड़ी गावस्‍कर के वीडियो से काफी कुछ सीख सकते हैं। देखें वो छोटा कद होने के बावजूद भी कैसे तेज गेंदबाजों का डटकर मुकाबला करते थे। वो ऐसे युग में खेले, जहां वेस्‍टइंडीज, इंग्‍लैंड, ऑस्‍ट्रेलिया, न्‍यूजीलैंड और पाकिस्‍तान के सबसे घातक गेंदबाजों का सामना किया और फिर भी सफल रहे।'

पाकिस्‍तान के लिए 124 टेस्‍ट खेलने वाले मियांदाद ने बताया कि पूर्व भारतीय कप्‍तान के साथ उनकी बातचीत किस तरह रही। उन्‍होंने कहा, 'मैं उनकी बल्‍लेबाजी का आनंद उठाता था। मुझे याद है कि उनके पास फील्डिंग करता था और उनका ध्‍यान भटकाने का भरपूर प्रयास करता था, लेकिन उनका फोकस काफी ऊंचा था। ऐसा समय भी रहा जब उनका ध्‍यान भटकाने में कामयाब रहा और जब वो आउट हुए तो मुझे कुछ अपशब्‍द बोलते हुए जाते थे और मुझे इसमें मजा आता था।'

मियांदाद ने कहा कि भारत भाग्‍यशाली रहा कि गावस्‍कर और गुंडप्‍पा विश्‍वनाथ एक ही युग में क्रिकेट खेले। उन्‍होंने कहा, 'विश्‍वनाथ एक और शीर्ष खिलाड़ी थे, लेकिन गावस्‍कर अपवाद थे।' राष्‍ट्रीय टीम की तीन बार कोचिंग करने वाले जावेद मियांदाद ने कहा कि वो हमेशा गावस्‍कर को बल्‍लेबाजी करते देखना पसंद करते थे और मैदान पर दोनों की कई यादगार झड़प भी हुई है।

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