Toss Eliminated From CK Naidu Trophy: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने घरेलू स्तर पर खेली जाने वाली सीके नायडू ट्रॉफी में टॉस को खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है। अब मेहमान टीम के पास यह अधिकार होगा कि उसे बल्लेबाजी करनी है या गेंदबाजी। बीसीसीआई के सचिव जय शाह द्वारा बोर्ड के अधिकारियों को सौंपें गए दस्तावेजों के अनुसार, यह योजना मैचों के बीच पर्याप्त अंतर बनाने के लिए बनाई गई है, जिसकी मांग पिछले सीजन के दौरान कई टीमों के कप्तानों ने की थी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सचिव जय शाह द्वारा शीर्ष परिषद से की गई सिफारिशों के आधार पर 2024-25 सीज़न से घरेलू सर्किट में बदलाव करने के लिए तैयार है। आगामी सीजन की शुरुआत रेड बॉल क्रिकेट और सफ़ेद गेंद टूर्नामेंट के साथ होगी। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी की शुरुआत दिलीप ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी के पांच लीग मैचों के बाद होगी। रणजी ट्रॉफी के शेष दो लीग मैच और नॉकआउट सफेद गेंद वाले टूर्नामेंट के समापन के बाद सीज़न के अंत में होंगे।
रेड गेंद के टूर्नामेंट के साथ घरेलू सत्र शुरू करने के अलावा, शाह ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि राष्ट्रीय चयनकर्ता दिलीप ट्रॉफी के लिए टीम चुनें। पहले जोनल चयन समितियां जिसमें क्षेत्र में आने वाले प्रत्येक राज्य संघ के प्रतिनिधि शामिल होते थे, दिलीप ट्रॉफी टीमों का चयन करती थीं, लेकिन अब राष्ट्रीय चयनकर्ता भी यह कर्तव्य निभाएंगे।
इसी तरह वनडे, टी20 और मल्टी-डे सहित सभी महिलाओं के अंतर-क्षेत्रीय टूर्नामेंटों के लिए टीमों में राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा चुनी गई टीमें शामिल होंगी। एक अन्य उल्लेखनीय प्रस्ताव में, खिलाड़ियों की भलाई पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया है और अब चार दिवसीय मुकाबलों के बीच पर्याप्त अंतर होगा। भारत के हरफनमौला खिलाड़ी शार्दुल ठाकुर ने फिक्स्चर के बीच पर्याप्त अंतर की कमी के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी और बोर्ड ने खिलाड़ियों की चिंताओं पर गौर किया है।
गौरतलब हो कि इन दिनों भारत में आईपीएल के 17वें सीजन का आयोजन हो रहा है, जिसका फैंस भरपूर लुत्फ़ उठा रहे हैं। टूर्नामेंट का लीग चरण अब समापन की ओर बढ़ रहा है और फैंस को प्लेऑफ चरण के शुरू होने का इंतजार है।