इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर ने खुलासा किया कि सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने उन्हें क्रिकेट को अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। बटलर इन दोनों भारतीय खिलाड़ियों से काफी प्रभावित हुए थे जब वह महज 9 साल के थे और उन्होंने गांगुली-द्रविड़ को इंग्लैंड में आयोजित 1999 विश्व कप में खेलते देखा था। 21 साल बाद बटलर को सीमित ओवर क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है।
30 साल के बटलर ने टॉन्टन में काउंटी ग्राउंड में भारत और श्रीलंका के मुकाबले को याद किया। द्रविड़ और गांगुली ने इस मुकाबले में बड़े शतक जमाए थे और टीम इंडिया ने अर्जुना रणतुंगा के नेतृत्व वाली श्रीलंका को 157 रन के विशाल अंतर से मात दी थी।
बटलर के हवाले से क्रिकबज ने कहा, 'तब मेरे शुरुआती साल थे। ऐसे में गांगुली और द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों को बड़े शतक बनाते देखना का एक जबरदस्त प्रभाव पड़ा था।'
जोस बटलर ने अपने अनुभव साझा किए
समरसेट में जन्में बटलर यह देखकर आश्चर्यचकित थे कि भारतीय क्रिकेटरों को इतना ज्यादा दर्शकों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने भारतीय फैंस की तारीफ की, जो प्रत्येक पल पूरे दिल से अपनी टीम का समर्थन करते हैं।
बटलर ने कहा, '1999 विश्व कप में भारत बनाम श्रीलंका मुकाबला बेहद यादगार रहा। गांगुली और द्रविड़ शानदार बल्लेबाजी की। मैच में भारतीय भीड़ को देखना मेरा पहला अनुभव था और उनकी क्रिकेट को लेकर दीवानगी देखने लायक थी। इसके बाद से मेरे अंदर भी क्रिकेटर बनने की तड़प जगी। मैंने सोचा कि विश्व कप में खेलना कितना अच्छा होगा।'
जहां तक मैच की बात है तो श्रीलंका की टीम एक ही पल हावी दिखी जब चामिंडा वास ने पहले ओवर में सदगोपन रमेश को आउट किया था। यहां से पूरी बाजी भारतीय टीम के हाथों में रही। गांगुली और द्रविड़ ने दूसरे विकेट के लिए 44.5 ओवर में 318 रन की साझेदारी की थी। इनकी साझेदारी आखिरी ओवरों में बड़ा स्कोर बनाने में जुटी थी। जब यह साझेदारी टूटी तो भारत ने आखिरी 26 गेंदों में 49 रन बनाए थे।
ओपनिंग पर आए सौरव गांगुली ने 158 गेंदों में 17 चौके और सात छक्के की मदद से 183 रन बनाए थे। वहीं द्रविड़ ने 129 गेंदों में 17 चौके और एक छक्के की मदद से 145 रन बनाए थे।
भारतीय टीम ने स्कोरबोर्ड पर 373 रन टांगे और श्रीलंका की टीम कभी मैच में नजर नहीं आई। श्रीलंकाई टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए महज 216 रन पर सिमट गई थी।