पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम इसलिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफल हुई क्योंकि उसने लाल गेंद क्रिकेट को काफी महत्व दिया। भारतीय टीम इस समय आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर है। विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम 18 जून को साउथैम्प्टन में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड से भिड़ेगी।
अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए कामरान अकमल ने ध्यान दिलाया कि एमएस धोनी को छोड़कर भारतीय क्रिकेट के अन्य सभी बड़े नामों ने टेस्ट क्रिकेट खेलने के बाद संन्यास लिया। 39 साल के कामरान अकमल के मुताबिक यह आंकड़ा साबित करता है कि भारत की अपनी प्राथमिकताएं सही जगह पर रहीं।
कामरान अकमल ने इसे समझाया, 'भारत ने अपने लाल गेंद क्रिकेट में कभी समझौता नहीं किया। स्कूल स्तर पर भारत में दो या तीन दिवसीय मैच खेले जाते हैं। आज उनके पास 50 खिलाड़ियों का पूल तैयार है क्योंकि भारतीय क्रिकेट ने टेस्ट क्रिकेट को बहुत महत्व दिया है। भारतीय क्रिकेट में एमएस धोनी को छोड़कर सभी दिग्गज खिलाड़ियों ने सफेद गेंद क्रिकेट खेलकर संन्यास नहीं लिया। अन्य सभी ने अपने करियर का आखिरी मैच टेस्ट मैच खेला। इससे उनके दृष्टिकोण का पता चलता है। कैसे टीम बनाना है। कैसे खिलाड़ियों को सेटअप में लाना है।'
एमएस धोनी ने 2014 के अंत में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप में खेला था। सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले और सौरव गांगुली सभी ने टेस्ट मैच खेलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर से विदाई ली थी।
घरेलू खिलाड़ी तैयारी के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आते हैं: अकमल
कामरान अकमल ने आगे कहा कि भारत का घरेलू ढांचा भी बहुत मजबूत है और अधिकांश खिलाड़ियों के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहुंचने से पहले ही कुछ सालों का अनुभव होता है।
उन्होंने कहा, 'भारत के सफेद गेंद या लिस्ट ए खिलाड़ियों को देखिए, जब वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आते हैं तो 40-50 मैच खेल चुके होते हैं। सूर्यकुमार यादव का उदाहरण ले लीजिए। उन्होंने लंबे समय के बाद भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया। इनमें से अधिकांश खिलाड़ियों के पास चार-पांच सालों का घरेलू क्रिकेट अनुभव होगा। जब वो भारतीय टीम में आते हैं, तो पर्याप्त परिपक्व होते हैं।'
कामरान अकमल ने राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले की तारीफ की, जो कोच और मेंटर के रूप में युवाओं को मार्गदर्शन दे रहे हैं। अकमल ने कहा, 'भारतीय क्रिकेट की मानसिकता शानदार है। 90 के दशक के सभी लीजेंड्स को देखिए- राहुल द्रविड़ से लेकर अनिल कुंबले तक। सभी भारतीय क्रिकेट में शामिल हैं। इससे नई पीढ़ी को मदद मिलती है। यह सिर्फ आईपीएल ही नहीं बल्कि घरेलू क्रिकेट पर भी आंख जमाएं रखते हैं। चाहे वीरेंदर सहवाग हो या युवराज सिंह। भारत ने कभी अपने खेलने के तरीके को नहीं बदला, लेकिन अपने खेल स्तर को बहुत बढ़ाया।'
राहुल द्रविड़ के बारे में उम्मीद है कि श्रीलंका में सीमित ओवर सीरीज के लिए वह भारतीय टीम के कोच बनेंगे। भारतीय टीम जुलाई में श्रीलंका दौरे पर तीन वनडे और इतने ही टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने जाएगी।