इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन ने द हंड्रेड के पहले सीजन की सफलता को देखते हुए टेस्ट क्रिकेट को जीवित रखने का अहम सुझाव दिया है। पीटरसन ने कहा कि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने सफेद गेंद क्रिकेट में सुधार करने के लिए फ्रेंचाइजी आधारित क्रिकेट को स्थापित किया और अब इसी प्रकार टेस्ट क्रिकेट को जीवित रखने के लिए भी फ्रेंचाइजी आधारित लाल गेंद क्रिकेट आयोजित कराने की जरूरत है।
पीटरसन ने कहा कि ईसीबी ने 2015 में सफेद गेंद क्रिकेट को प्राथमिकता दी। इसका नतीजा यह निकला कि इंग्लैंड ने आगे चलकर 2019 विश्व कप जीता। इससे इंग्लैंड की बेंच स्ट्रेंथ भी काफी मजबूत हुई।
हालांकि, इसका प्रभाव इंग्लैंड की टेस्ट टीम पर पड़ा और क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में उसके प्रदर्शन में अनिरंतरता आई। भारत, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में सीरीज हार के बाद इंग्लैंड ने अपने घर में भी टेस्ट सीरीज में शिकस्त झेली। इंग्लैंड को हाल ही में न्यूजीलैंड के हाथों अपने घर में टेस्ट सीरीज में शिकस्त मिली थी, जो कि घरेलू जमीन में सात साल में उसकी पहली हार थी।
केविन पीटरसन का मानना है कि चूकि कुछ देश गुणी खिलाड़ियों के मामले में राष्ट्रीय टीम को कम खिलाड़ी दे सके, तो उन्हें एकसाथ मिलकर फ्रेंचाइजी जैसी टीम बनानी चाहिए, जिससे दर्शकों का ज्यादा ध्यान उन पर केंद्रित हो।
पीटरसन ने ट्वीट किया, 'ईसीबी ने 2015 में फैसला किया कि सफेद गेंद क्रिकेट को प्राथमिकता दें। इंग्लैंड ने विश्व कप जीता और अब फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट आयोजित कर रहा है। अब फ्रेंचाइजी लाल गेंद क्रिकेट का समय आ गया है। सभी टीमों को मजबूत करें। अच्छे खिलाड़ी टिकेंगे, अन्य नहीं। अगर अच्छे खिलाड़ी नहीं टिकेंगे तो टेस्ट क्रिकेट मर जाएगा।'
लाल गेंद काउंटी क्रिकेट को फ्रेंचाइजी आधारित करने से पीटरसन का मतलब है कि तीन/चार देश मिलकर द हंड्रेड जैसे टीम बनाए। गर्मी में 8-10 चार दिवसीय मैच खेले। सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी टिकेंगे। इससे औसतन खिलाड़ी खुद को फर्स्ट क्लास क्रिकेटर्स नहीं बता पाएंगे और आप लाल गेंद क्रिकेट में गहराई ला पाएंगे।
उम्मीद है कि ईसीबी एक दिन मेरी बात मानेगा: केविन पीटरसन
41 साल के केविन पीटरसन ने इंग्लैंड में खेल की बेहतरी के लिए कई अनोखे सुझाव दिए ताकि उच्च गुणी खिलाड़ी मिले, लेकिन उनके खेलने वाले दिनों से ही बोर्ड के साथ अनबन रही है। पूर्व इंग्लिश कप्तान ने ईसीबी से गुजारिश की है कि देश में टेस्ट क्रिकेट को मरने नहीं दे।
इंग्लैंड की टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण में अंक तालिका में चौथे स्थान पर थी। इंग्लैंड का बल्लेबाजी और स्पिन विभाग बड़ी चिंता का सबब बना हुआ है।
पीटरसन ने एक और ट्वीट किया, 'और हो सकता है कि एक दिन ईसीबी मेरी बात सुने। मैंने 10 साल से देश में फ्रेंचाइजी क्रिकेट के लिए कहा और टीवी पर इसके नंबर देख लीजिए। ये शानदार है। इंग्लैंड क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट को मत मारो।'