ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा किया है। क्लार्क ने दावा किया कि शेन वॉर्न मैदान में जाने से पहले सिगरेट पीते थे। क्लार्क ने कहा कि महान स्पिनर मैदान में ही कही सिगरेट छिपाते थे और प्रत्येक मैच के बाद उसी सिगरेट को जारी रखते थे।
शेन वॉर्न ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 15 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला। लेग स्पिनर हमेशा मैदान के अंदर और बाहर अपनी हरकतों के लिए चर्चाओं में बने रहे और कुछ लोगों ने उन्हें 'विवादों का पसंदीदा बच्चा' तक करार दिया। माइकल क्लार्क ने कहा कि वॉर्न हमेशा इस दबाव के साथ रहे, दिन और रात, जिसकी वजह से वो इस राह चले।
क्लार्क ने अनसेंसर्ड पोडकास्ट में बातचीत करते हुए कहा, 'मैदान के बाहर जो भी चीजें होती थी, वो उसे वहीं छोड़ देते थे। आमतौर पर वॉर्नर मैदान में जाते वक्त सिगरेट पीते थे। वो मैदान में ही उसे कहीं छिपाने की कोशिश करते थे। जब वो अपनी सिगरेट खत्म करके उसे बाहर रखकर आते थे, तो उन्हें पता होता था कि मैच का समय हो गया है। वो उस सीमा को पार कर चुके थे और मैदान के बाहर जो भी होता था, वो उसे वहीं छोड़ देते थे। वह मैदान में जाकर अपना पूरा जोर लगाते थे और जब वापस लौटते थे, तो उन्हें पता होता था कि सिगरेट कहां रखी है।'
माइकल क्लार्क ने शेन वॉर्न की तारीफ भी की। क्लार्क ने कहा कि वॉर्न की मानसिक दृढ़ता गजब की है क्योंकि वह अपने पूरे करियर में किसी न किसी वजह से मीडिया के दबाव में रहे। उन्होंने कहा, 'मेरे ख्याल में शेन वॉर्न की सबसे बड़ी ताकत उनकी मानसिकता है। अपनी जिंदगी को लेकर मैदान के बाहर उन पर कितना मीडिया का दबाव होता था, लेकिन वह मानसिक रूप से मजबूत थे तो प्रदर्शन करने में कामयाब रहते थे। उनकी पूरी जिंदगी में यह चलता रहा।'
इसमें कोई शक नहीं कि शेन वॉर्न की क्रिकेट में उपलब्धियों ने काफी हद तक मैदान के बाहर की उनकी छवि को ढकने का काम किया है। पूर्व लेग स्पिनर ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में मिलाकर 1000 से ज्यादा विकेट चटकाए हैं। वह सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वालों की फेहरिस्त में दूसरे स्थान पर काबिज हैं।
2005 में कमाल थे शेन वॉर्न: माइकल क्लार्क
शेन वॉर्न ने अपने करियर में काफी शानदार प्रदर्शन किया। संन्यास लेने से दो साल पहले 2005 में उन्होंने रिकॉर्ड 96 विकेट लिए थे। 1993 में इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड था, जिससे 24 विकेट ज्यादा उन्होंने 2005 में चटकाए थे। इसके अलावा उन्होंने उस साल 416 रन भी बनाए थे, जिसमें 2005 एशेज सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ यादगार 90 रन की पारी शामिल है।
इन प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए क्लार्क ने कहा, '2005 में वह गेंद और बल्ले से बेहतरीन थे। आपको ज्यादातर ऐसा देखने को नहीं मिलेगा कि वॉर्न बल्ले से रन बना रहे हैं।' शेन वॉर्न की पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के 444 रन के जवाब में 302 रन का सम्मानजनक स्कोर बनाया था। यह मुकाबला रोमांचक ड्रॉ रहा जब ब्रेट ली और ग्लेन मैक्ग्रा ने 34 गेंदों का सामना करके ऑस्ट्रेलिया की उम्मीदें जिंदा रखी थीं।