टेस्ट डेब्यू में दोहरा शतक जमाकर सुर्खियां बटोरने वाले न्यूजीलैंड के ओपनर डेवोन कॉनवे का ध्यान भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में अलग तरह की स्पर्धा पर लगा है।
दक्षिण अफ्रीका में जन्में डेवोन कॉनवे अपना करियर बनाने के लिए चार साल पहले न्यूजीलैंड में आकर बस गए। डब्ल्यूटीसी फाइनल में वह न्यूजीलैंड के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक माने जा रहे हैं।
इस मैच से फैंस को काफी ज्यादा उम्मीदें हैं। डेवोन कॉनवे ने कहा कि वह इसे किसी अन्य क्रिकेट मैच की तरह लेकर चल रहे हैं और जितना संभव हो सका, वो अपने गेम प्लान पर डटे रहेंगे।
कॉनवे ने कहा, 'यह बिलकुल समान महसूस हो रहा है। एक और मैच, एक और टेस्ट, देश की टोपी पहनने का एक और मौका। इससे उलट बात यह है कि यह फाइनल भारत के खिलाफ है। हम इस पोजीशन पर पहुंचने के लिए सालों से मेहनत कर रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'यह बिलकुल ऐसी भावना है कि पहली बार लॉर्ड्स में जा रहे हैं। वाह, पहला मैच, टेस्ट क्रिकेट का क्या स्तर रहने वाला है। भारत के खिलाफ स्पर्धा अलग होगी, लेकिन बाकी सभी चीजें समान होगी। यह ऐसा है कि लड़ाई में घुसे, अपने आप को झोंका, अपने गेम प्लान पर भरोसा किया और जितना संभव हो सका, अपने खेल पर डटे रहा।'
गेंदबाज का सामना करना उसे समझने के लिए जरूरी: कॉनवे
न्यूजीलैंड का सामना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी आक्रमण में से एक से होगा। न्यूजीलैंड की टीम में ऐसे कई खिलाड़ी शामिल हैं, जो आईपीएल में भारतीय तेज गेंदबाजों का सामना कर चुके हैं। कॉनवे का अब तक आईपीएल में खेलना बाकी है। उनका मानना है कि गेंदबाज को समझने का सर्वश्रेष्ठ तरीका उसका सामना करना है न कि उसके बारे में जानकारी हासिल करना।
कॉनवे ने कहा, 'मेरा मानना है कि जानकारी लेने से बेहतर उनका सामना करना होता है। मैं कंप्यूटर्स पर उनको देख सकता हूं, लेकिन जब मैं सामना करूंगा तो असल जानकारी नहीं मिल पाएगी। उनका सामना करने के समय मेरी लय क्या होगी। वो मुझे आउट करने के लिए क्या रणनीति अपनाएगा। वह गेंद किस तरह पकड़ रहा है। मैं यह सब तभी जान पाऊंगा जब उसका सामना करूंगा।'