23 जुलाई से शुरू हुए Tokyo Olympics में अनेक खेल खेलें जा रहे है। हॉकी से लेकर फुटबॉल, शूटिंग से लेकर कुश्ती तक सभी खेलों का जमवाड़ा ओलिंपिक में नजर आ रहा है लेकिन पूरे विश्व में मशहूर क्रिकेट खेल ओलिंपिक का हिस्सा नहीं है। भारत देश में भी आये दिन सोशल मीडिया पर भी यही चर्चा दिखाई देती है कि क्रिकेट को ओलिंपिक में शामिल किया जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ओलिंपिक खेलों में क्रिकेट को बस एक बार शामिल किया गया है। आज से 121 साल पहले फ़्रांस के पेरिस में हुए ओलिंपिक गेम्स में क्रिकेट को पहली और आखिरी बार देखा गया था।
ओलिंपिक गेम्स 1900 में ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच केवल मात्र एक मैच खेला गया था। टेस्ट फॉर्मेट के रूप में खेला गया यह मैच 2 दिनों का मैच था। इस मुकाबले में दोनों टीमों में 24 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। प्रति टीम से 12 खिलाड़ी मैदान पर उतरे थे। यह मैच ग्रेट ब्रिटेन ने अपने नाम कर गोल्ड मेडल हासिल किया था।
क्या रहा था मैच का हाल? (मैच समरी)
ग्रेट ब्रिटेन ने पहली बल्लेबाजी की और कप्तान बीचक्रॉफ्ट ने सलामी बल्लेबाजी करते हुए 23 रनों का योगदान दिया था। फ्रेडरिक कमिंग ने सबसे ज्यादा 38 रन बनायें थे। ग्रेट ब्रिटेन पहली पारी में 117 रनों पर सिमट गई। फ़्रांस की तरफ से एंडरसन ने सबसे ज्यादा 4 विकेट हासिल किये। फ्रांस की पहली पारी केवल 78 रनों पर सिमट गई। जे ब्रेड ने सबसे ज्यादा 25 रन बनायें, तो ग्रेट ब्रिटेन की तरफ से क्रिस्चियन ने 7 विकेट हासिल किये थे। पहली पारी में ग्रेट ब्रिटेन ने 39 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी।
दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने 145 रनों पर पारी घोषित कर फ़्रांस के सामने 185 रनों का लक्ष्य रखा। दूसरी पारी में ग्रेट ब्रिटेन की तरफ से कप्तान बीचक्रॉफ्ट ने 54 और अल्फ्रेड बॉवरमैन ने 59 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली थी। ग्रेट ब्रिटेन द्वारा दिए गए लक्ष्य को फ़्रांस की टीम हासिल नहीं कर पाई और केवल 26 रनों पर ऑल आउट हो गई। ब्रिटेन की तरफ से मोंटागु टोलर ने सबसे ज्यादा 7 विकेट प्राप्त किये थे।