भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के लिए हाल के समय में टेस्ट स्पेशलिस्ट गेंदबाज की भूमिका निभाने वाले उमेश यादव (Umesh Yadav) के लिए मौजूदा आईपीएल सीजन (IPL 2022) जबरदस्त गुजर रहा है। इस समय वह पर्पल कैप की रेस में सबसे आगे हैं। उमेश कई सालों से क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन सभी को सफलता आसानी से नहीं मिलती है और उन्होंने भी काफी कड़ा संघर्ष किया है।
केकेआर के द्वारा यूट्यूब में साझा किये वीडियो में तेज गेंदबाज ने अपने साधारण बैकग्राउंड के बारे में बात की और यह भी बताया कि उनके लिए भारत के लिए खेलने का सपना सच करना कितना मुश्किल था। उन्होंने कहा,
जहां से मैं हूं, वहां बहुत कम लड़के होंगे जो मानते हैं कि वे भारत के लिए खेल सकते हैं। क्रिकेट खेलना और सपने देखना उनके लिए महंगा था। किट, बल्ला, पैड, जूते इत्यादि। आप ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि आप कोयले की खान में रहते हैं, तुम्हारे पिता कोयले की खान में जाते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं। उस समय मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत के लिए खेलूँगा क्योंकि यह मेरी कल्पना से परे था।
वाइट बॉल गेंदबाज ना होने के लेबल पर भी उमेश यादव ने दी अपनी प्रतिक्रिया
उमेश ने बताया कि उनका वाइट बॉल की क्रिकेट में भारत के लिए खेलते हुए सबसे बेहतरीन समय 2015 वर्ल्ड कप के दौरान था, जहाँ उन्होंने टीम के लिए सर्वाधिक 18 विकेट हासिल किये थे। उन्होंने कहा,
2014 में (केकेआर के साथ) खिताब जीतने के बाद, मेरे लिए अगला बड़ा क्षण 2015 वर्ल्ड कप था। जिस तरह के विकेट मुझे मिले, मैं भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज था। इसलिए वाइट बॉल में असली यात्रा वहीं से शुरू हुई।
हालाँकि शानदार प्रदर्शन के बावजूद कुछ समय बाद उमेश को वाइट बॉल की टीम से ड्रॉप कर दिया गया और लोगों ने उन्हें सीमित ओवरों का गेंदबाज मानने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा,
मुझे बुरा लगा जब मेरे करियर में गिरावट आई थी और जब मैं भारतीय वाइट बॉल वाली टीम से अंदर और बाहर था। लोगों ने मुझे किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में लेबल किया जो वाइट बॉल वाला गेंदबाज नहीं है। मुझे बुरा लगा कि अचानक इतना कुछ बदल गया , एक समय मैं 2015 वर्ल्ड कप में भारत का सर्वाधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज था। लेकिन यह ठीक है, यह जीवन है, यह चलता रहता है।