दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) के कोच रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) ने 2008 में आईपीएल (IPL) के पहले सीजन के अपने अनुभवों को याद किया है। उस साल कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में शामिल पोंटिंग ने रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ टूर्नामेंट के पहले मैच में ब्रेंडन मैकलम (Brendon McCullum) के साथ बल्लेबाजी करते हुए अपनी मानसिकता का खुलासा किया था।
मैकलम ने तब सुर्खियां बटोरीं थी जब केकेआर के लिए टूर्नामेंट के पहले मैच में आरसीबी के गेंदबाजों को जमकर धोया। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 73 गेंदों में नाबाद 158 रनों की पारी खेली, जिसमें 10 चौके और 13 छक्के शामिल थे। इस पारी की वजह से कोलकाता 20 ओवर में 3 विकेट खोकर 222 रन बनाने में कामयाब रहा। वहीं बैंगलोर की टीम 82 रन पर सिमट गयी और 140 रन से मैच हार गयी थी।
पोंटिंग ने उस मैच को याद करते हुए कहा कि कैसे मैकलम ने नाइट राइडर्स को शानदार शुरुआत दिलाई। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने याद किया कि कैसे उन्होंने अपने बल्लेबाजी साथी को थोड़ा धीमा खेलने के लिए कहा लेकिन कीवी बल्लेबाज ताबड़तोड़ अंदाज में खेलता रहा।
पोंटिंग ने दिल्ली कैपिटल्स द्वारा ट्विटर पर अपलोड किए गए वीडियो में कहा,
हम वास्तव में खेल की गति या स्कोर के बारे में नहीं जानते थे। ब्रेंडन बल्लेबाजी पारी की शुरुआत कर रहे थे, और मैं तीन पर बल्लेबाजी कर रहा था और उस मैच में उन्होंने एक अलग ही अंदाज में शुरुआत की। ऐसा लग रहा था कि वह जो कुछ भी हिट कर रहा वह बल्ले से उड़ रहा था। मैं उसे थोड़ा धीमा करने की कोशिश कर रहा था लेकिन वह और तेज खेलता जा रहा था और एक शानदार पारी खेल रहा था। टूर्नामेंट के पहले मैच को देखने से बेहतर और क्या हो सकता है कि कोई वहां जाकर 158 रन बना ले।
आपको बता दें कि इस मैच में रिकी पोंटिंग ने 20 गेंदों का सामना करते हुए 20 रन बनाये थे और उन्होंने मैकलम के साथ 51 रन की साझेदारी की थी।
अशोक डिंडा नेट गेंदबाज के तौर पर हमारे साथ थे - रिकी पोंटिंग
पोंटिंग ने यह भी याद किया कि कैसे खतरनाक अशोक डिंडा नेट्स में दिखाई दिए और टूर्नामेंट के ओपनर में मौका मिलने पर अपनी छाप छोड़ी। पोंटिंग ने भारतीय युवाओं और विदेशी खिलाड़ियों को समान रूप से प्लेटफार्म प्रदान करने के लिए आईपीएल की सराहना की। उन्होंने कहा,
अशोक डिंडा कोलकाता में हमारे लिए नेट गेंदबाज थे, और 7-10 दिनों के लिए, उन्होंने सचमुच हर सेशन में हम सभी पर बाउंसर फेंके। मुझे लगा कि इस खिलाड़ी में कुछ तो है। चलो उसे कॉन्ट्रैक्ट देते है। मुझे लगता है कि उसे शायद आईपीएल के पहले तीन विकेट भी लिए और यहीं से अशोक डिंडा के आईपीएल में 12 या 13 साल के करियर की शुरुआत हुई।
तो, ये कुछ बेहतरीन कहानियां हैं जो आईपीएल ने युवा भारतीय खिलाड़ियों को दी हैं और निश्चित रूप से आईपीएल ने बहुत सारे विदेशी खिलाड़ियों की जिंदगी भी बनाई है।