महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कुछ समय गोल्फ कोर्स में बिताया और लेफ्ट हैंडर्स डे पर बाएं हाथ के स्टांस से खेला। दो बार के विश्व कप विजेता सदस्य पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने गोल्फ कोर्स में मास्टर ब्लास्टर के साथ समय बिताया।
भले ही सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर में दाएं हाथ से बल्लेबाजी की, लेकिन वह जन्म से बाएं हाथ से काम करने वालों में से एक हैं। सचिन तेंदुलकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बाएं हाथ से गोल्फ खेलने वाला वीडियो शेयर किया और कैप्शन लिखा, 'नियमित स्विंग से एक ब्रेक।'
2013 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सचिन तेंदुलकर ने दोस्तों और परिवार के साथ खुशनुमा समय बिताया। पिछले महीने, तेंदुलकर ने गोल्फ कोर्स पर भारतीय टीम के अपने पुराने साथियों युवराज सिंह, अजित अगरकर और आशीष नेहरा के साथ समय बिताया था।
ओलंपिक्स के दौरान सचिन तेंदुलकर ने सक्रिय होकर टोक्यो में भारतीय एथलीट्स का समर्थन किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नियमित रूप से पोस्ट किए। तेंदुलकर ने मीराबाई चानू से मुलाकात की और टोक्यो ओलंपिक्स में वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतने पर शुभकामनाएं दी।
सचिन तेंदुलकर ने ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा, 'मीराबाई चानू भावनाओं को आसानी से उठाती हैं जैसे कि वजन उठाती हैं। आपके साथ समय बिताकर बहुत अच्छा लगा। आप चैंपियन हैं, जिसकी यात्रा कई अधिक चैंपियंस को प्रेरणा देगी। अपनी जिंदगी और करियर में आगे बढ़ते रहे।'
शुरूआती 12 सालों में मैच से पहले ढंग से नहीं सोया: तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में खुलासा किया था कि मैच से पहले वह ढंग से सो नहीं पाते थे। तेंदुलकर ने कहा कि करियर के आखिरी मैच से पहले वह भी ढंग से सो नहीं पाए थे।
सचिन तेंदुलकर ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, 'अगर आप किसी चीज का ध्यान रखते हैं तो आपके अंदर उसे लेकर बैचेनी होती है। मेरे साथ ऐसा इसलिए होता था क्योंकि मुझे क्रिकेट से बहुत प्यार है और मैं जब भी मैदान में आता था तो अच्छा करना चाहता था। मैं कहूंगा कि करियर के शुरूआती 12 साल में मैं मैच से पहले ढंग से सो नहीं पाता था।'
तेंदुलकर ने आगे कहा, 'मैं लगातार सोचता रहा था कि उस गेंदबाज का सामना कैसे करूंगा। वो कैसे गेंदबाजी करेगा। मेरे पास इस गेंद का सामना करने के क्या विकल्प है? मैं इस सोच में रहता था और नींद से जंग चलती रहती थी।'
मास्टर ब्लास्टर ने कहा, 'मैं इस समस्या से निपट नहीं पाया तो मैंने इसे स्वीकार करना शुरू कर दिया। मैंने मान लिया था कि मैच की तैयारी के लिए मेरा शरीर और दिमाग इसी तरह करता था। यह ठीक है और मुझे इससे लड़ने की जरूरत नहीं है।'