भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के महान बल्लेबाज रहे सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने साल 2013 में क्रिकेट को अलविदा कहा था। वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला गया यह टेस्ट मैच उनके करियर का 200वां मैच था और उनके नाम अभी तक टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी कायम है। उनके संन्यास का दिन दुनिया भर के सभी क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक भावुक पल था।
टीम इंडिया ने सचिन तेंदुलकर को जीत के साथ अलविदा कहा और यह मैच उनके घरेलू मैदान मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया। सचिन तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू में बताया है कि उन्होंने बीसीसीआई से आग्रह किया था कि यह मैच उनके घरेलू मैदान पर खेला जाए ताकि उनकी माता जी उन्हें पहली बार लाइव खेलता देख सके।
सचिन तेंदुलकर ने इस सन्दर्भ में बताया कि अपने आखिरी मैच से पहले, उन्होंने बीसीसीआई को बताया कि आगामी दो मैच उनके आखिरी होने जा रहे थे और उन्होंने इसमें से आखिरी मैच मुंबई में खेलने की इच्छा व्यक्त की थी। ऐसा इसलिए क्योंकि सचिन चाहते थे कि उनकी मां स्टेडियम में आएं और उन्हें लाइव खेलते हुए देखें। इसलिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड विनम्रतापूर्वक मुंबई में आखिरी मैच की मेजबानी करने के लिए तैयार हो गए और मेरी माँ ने मुझे 24 वर्षों में एकमात्र बार लाइव खेलते देखा। सचिन ने साथ ही बताया कि उनके भाई के अलावा उनके परिवार के किसी और सदस्य ने उनको लाइव खेलते हुए नहीं देखा था।
इसके अलावा भारत के पूर्व कप्तान सचिन ने बताया कि मैदान पर अपनी माँ को देखकर वह बेहद खुश हुए थे। जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था तो बड़ी स्क्रीन पर मेरी माँ को दिखाया गया लेकिन मैं उस समय उन्हें देख नहीं पाया। क्योंकि मैं अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान लगा रहा था। स्टेडियम में बैठे सभी दर्शकों ने मेरी माँ को बड़ी स्क्रीन पर देखा और उस समय मैं बहुत भावुक हुआ लेकिन फिर भी मैंने बल्लेबाजी पर ध्यान दिया।