आशीष नेहरा ने श्रीलंका के खिलाफ तीसरे व अंतिम टी20 इंटरनेशनल मैच में आर साई किशोर के जगह संदीप वॉरियर को मौका देने पर हैरानी जताई है। पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि कोलंबो की परिस्थितियां और सीरीज की स्थिति दोनों को देखते हुए टीम में स्पिनर की जरूरत थी।
संदीप वॉरियर ने नवदीप सैनी की जगह लेते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया। नवदीप सैनी को दूसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में कंधे में चोट लगी थी। सैनी ने दूसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में एक भी ओवर नहीं किया था और 19वें ओवर में उन्हें चोट के कारण मैदान से बाहर जाना पड़ा था।
नेहरा ने क्रिकबज से बातचीत में कहा, 'नवदीप सैनी नहीं खेले और संदीप वॉरियर को मौका मिला। उन्होंने इस साल आईपीएल में केकेआर के लिए खेला था और घरेलू क्रिकेट में औसत व स्ट्राइक रेट के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया था। मगर आपको निर्णायक मुकाबला जीतना था तो क्या परिस्थितियों को देखते हुए आपको स्पिनर आर साई किशोर को नहीं खिलाना चाहिए था? ऐसा नहीं हुआ। नवदीप सैनी ऐसे गेंदबाज हैं, जो आपकी योजनाओं का हिस्सा हैं, वो ऐसे हैं जो टेस्ट और वनडे में खेले और अंदर-बाहर हुए। आप ऐसे तेज गेंदबाज को लेकर आए, जो आपकी योजनाओं का हिस्सा नहीं हैं। यह मेरे लिए हैरानीभरा फैसला था।'
आशीष नेहरा ने ध्यान दिया कि शिखर धवन ने दूसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में नवदीप सैनी का उपयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि फैसले समझा रहे थे कि इस विकेट पर स्पिनरों को ज्यादा फायदा मिल रहा है और संदीप वॉरियर को मौका देकर इस फैसले को पूरी तरह उलट दिया।
नेहरा ने कहा, 'दूसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में नवदीप सैनी से गेंदबाजी नहीं कराई। वो बहुत अंत में चोटिल होकर मैदान से बाहर गए थे। तब आपने दिखाया कि दो तेज गेंदबाज काफी हैं और आपको स्पिनर्स से ज्यादा प्रदर्शन चाहिए। यहां मैं बस मैच जीतने की बात कर रहा हूं और नए खिलाड़ी को नहीं आजमाने या प्रक्रिया के बारे में बात नहीं कर रहा हूं।'
संदीप वॉरियर का ऐसा रहा डेब्यू
संदीप वॉरियर को डेब्यू में काफी खराब मैच स्थिति का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम पांच बल्लेबाजों के साथ खेल रही थी और उसने तीसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में पहले बल्लेबाजी करके केवल 81 रन बनाए। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने तीन ओवर में 23 रन दिए और कोई विकेट नहीं लिया।
संदीप वॉरियर ने अपने पहले ओवर में रक्षात्मक लाइन व लेंथ पर गेंद डाली और केवल दो रन दिए। मगर बल्लेबाज ने उनकी लाइन-लेंथ को भांप लिया और फिर शॉर्ट व बाहर जाती गेंदों पर चौके जमाए व दो रन लिए।
राहुल चाहर एकमात्र भारतीय गेंदबाज रहे, जिन्होंने तीसरे व अंतिम टी20 इंटरनेशनल मैच में विकेट लिए। लेग स्पिनर ने चार ओवर में 15 रन देकर तीन विकेट लिए। मगर चाहर को दूसरे छोर से समर्थन नहीं मिला और श्रीलंका ने आसानी से 33 गेंदें शेष रहते सात विकेट से मैच जीत लिया।