कोलकाता के ऐतिहासिक मैदान ईडन गार्डन्स में खेले गए रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) 2022-23 के फाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र ने बंगाल को 9 विकेट से हराते हुए ख़िताब पर कब्ज़ा जमा लिया है। सौराष्ट्र का यह दूसरा रणजी ख़िताब है। इससे पहले उन्होंने 2019-20 सीजन में भी ख़िताब जीता था और उस बार भी उन्होंने बंगाल को ही फाइनल में हराया था। सौराष्ट्र टीम के कप्तान जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) ने रणजी ट्रॉफी का यह ख़िताब दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को समर्पित किया है। रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले से पहले उनादकट ने पुजारा को उनके 100वें टेस्ट मैच पर ट्रिब्यूट देने की बात कही थी।
चेतेश्वर पुजारा को सौराष्ट्र का चहेता बेटा बताते हुए जयदेव उनादकट ने ख़िताब जीतने के बाद कहा कि, 'जैसा कि मैंने पहले कहा था कि यह ख़िताब सौराष्ट्र के पसंदीदा बेटों में से एक चिंटू (चेतेश्वर पुजारा का निकनेम) को एक बेहतरीन ट्रिब्यूट है। उन्होंने दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के लिए अपना 100वां टेस्ट मैच खेला है, लेकिन हम सभी को इस खिताबी जीत की शुभकामनाएं देते हुए वह उतने ही उत्सुक नजर आये।'
चेतेश्वर पुजारा भारत की तरफ से 100 टेस्ट मैच खेलने वाले 13वें खिलाड़ी बने हैं। उन्होंने 2010 में अपनी टेस्ट करियर की शुरुआत की थी और अपने करियर में उन्होंने 7000 से अधिक रन बनाए हैं। उन्होंने इस सीज़न में सौराष्ट्र के लिए दो मैच खेले, जिसमें खेली गई तीन पारियों में 25, 5 और 91 का स्कोर बनाया था।
यह युग और दशक सौराष्ट्र का है - कप्तान जयदेव उनादकट
सौराष्ट्र टीम के लिए दूसरा ख़िताब जीतने पर कप्तान उनादकट ने कहा कि, 'अपना दबदबा साबित करने और सभी को यह दिखाने के लिए कि यह युग और दशक सौराष्ट्र का है, इसलिए यह ख़िताब अपने नाम किया। तीन साल में तीन ट्राफियां साबित करती हैं कि हम बहुत कुछ सही कर रहे हैं। यह ट्रॉफी भी जीतना महत्वपूर्ण था क्योंकि अब हमने लय पकड़ ली है।'