भारत इस समय मुश्किलों से घिरा हुआ है क्योंकि रोजाना कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहा हैं। देश में अब तक 30 लाख से ज्यादा कोविड मामले सामने आए और रोजाना करीब 2000 लोगों की मौत हो रही है। इसके अलावा भारत में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी हो रही है और कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन गैस के अकाल पड़ने की शिकायत भी की है। भारत में स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।
इस दौरान पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से दिग्गज क्रिकेटर ने भारत के लोगों के लिए दुआ मांगी है। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर ने भारत के प्रति संवेदना प्रकट की और उम्मीद जताई कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आए और सरकार स्वास्थ्य संकट को बेहतर तरीके से संभाल पाए।
शोएब अख्तर ने भारतीय नागरिकों के लिए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करके कहा कि वह दुआ कर रहे हैं कि सब ठीक हो जाएं और उन्होंने शुभकामनाएं भी भेजी। अख्तर ने ट्वीट किया, 'भारत के लोगों के साथ प्रार्थना। मुझे उम्मीद है कि चीजें जल्दी नियंत्रण में आएगी और उनकी सरकार संकट को बेहतर ढंग से संभालेगी। हम सभी इसमें एकसाथ हैं।'
मैंने शोएब अख्तर को फोन करके चुप रहने को कहा: मोहम्मद आसिफ
पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास में 2007 ड्रेसिंग रूम की घटना सबसे विवादित ऐपिसोड में से एक है। यह घटना 2007 में जोहानसबर्ग में शोएब अख्तर और मोहम्मद आसिफ के बीच हुई थी। ऐसी जानकारी मिली थी कि दोनों बल्लेबाजों के बीच बोलचाल में विवाद हुआ और आसिफ के बाएं जांघ पर बल्ला मार दिया गया था।
इस घटना के कई सालों बाद मोहम्मद आसिफ ने विचार दिया कि अख्तर ने 13 साल इसे जी लिया, लेकिन अब इसके बारे में बात करना बंद कर देना चाहिए। आसिफ ने साथ ही खुलासा किया कि उन्होंने शोएब अख्तर से बातचीत की और कहा कि युवा क्रिकेटरों की मदद करो न कि एक घटना का हमेशा जिक्र करो।
मोहम्मद आसिफ के हवाले से पाक पेशन ने कहा, '2007 में शोएब अख्तर के साथ ड्रेसिंग रूम में विवाद हुआ था, वो ऐसी घटना के साथ 13 साल तक जी लिए हैं। अख्तर ने इस पर कई टिप्पणी दी और जहां भी वो इसके बारे में बात कर सकते थे, जो प्रयास करते। बस मेरा हो गया था। मैंने उन्हें हाल ही फोन किया और कहा कि इस घटना के बारे में बताना छोड़े और आगे बढ़ें। मैंने उन्हें कहा कि जो हुआ, उससे ऊपर आओ, वो अब इतिहास है।'
आसिफ ने आगे कहा, 'हर इंटरव्यू में उस घटना के बारे में बात करने के बजाय मैंने उन्हें सही बात करने को कहा कि वह कैसे पाकिस्तान के युवा क्रिकेटरों की मदद कर सकते हैं। एक दिन वो प्रमुख चयनकर्ता बनने का सपना देखते हैं और अगले दिन वो पाकिस्तान टीम का हेड कोच बनना चाहते है तो कभी पीसीबी के चेयरमैन। उन्हें असलियत पर लौटकर युवा क्रिकेटरों की मदद करनी चाहिए न कि उस बारे में बातें करें जो 13 साल पहले हुई हो।'