टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2021) में न्यूज़ीलैंड (New Zealand) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) को हराकर टीम इंडिया (Team India) की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है। न्यूज़ीलैंड की इस जीत के साथ ही सोशल मीडिया से लेकर क्रिकेट जगत में हर तरफ भारतीय दर्शकों को मायूसी हाथ लगी है। हालांकि टीम इंडिया को अपना आखिरी लीग स्टेज मैच कल नामीबिया के खिलाफ खेलना है। आईसीसी लीग स्टेज में टीम इंडिया का यह पिछले 9 साल में सबसे ख़राब प्रदर्शन रहा है। साल 2012 में हुए टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का सफ़र लीग स्टेज तक थम गया था लेकिन उसके बाद से हर बार भारतीय टीम ने नॉकआउट में जगह बनाई।
वर्ल्ड टी20 2012 में कैसे नाकाम रही थी टीम इंडिया
भारतीय टीम ने वर्ल्ड टी20 2012 की शुरुआत धमाकेदार अंदाज़ से की थी। ग्रुप 'ए' में टीम ने इंग्लैंड और अफगानिस्तान को मात देते हुए अगले राउंड में जगह बनाई, जहाँ टीम इंडिया का सामना पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका से ग्रुप 2 में हुआ। हालांकि टीम इंडिया ने इस ग्रुप में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान को हराया लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली 9 विकेट से बड़े अंतर की हार से टीम का नेट रन रेट नीचे गिर गया और नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही।
2012 के बाद हर आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट में बनाई अपनी जगह
वर्ल्ड टी20 2012 में नेट रन रेट के कारण अंतिम चार में जगह बनाने में नाकाम रही टीम इंडिया ने एक साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी 2013 अपने नाम की। उसके बाद वर्ल्ड टी20 2014 के फाइनल, वर्ल्ड कप 2015 के सेमीफाइनल, 2016 के टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल, चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल, 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल, आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई लेकिन 2013 के बाद इन टूर्नामेंट में टीम इंडिया को नॉकआउट में हार ही मिली। तक़रीबन 9 साल बाद एक बार फिर टीम इंडिया नॉकआउट में जगह बनाने में असफल रही है और वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना भी टूट गया है।