जिम्बाब्वे (Zimbabwe) के पूर्व कप्तान ब्रेंडन टेलर (Brendan Taylor) ने सोशल मीडिया पर सनसनीखेज खुलासा करते हुए दावा किया कि स्पॉट फिक्सिंग करने के लिए उन्हें ब्लैकमेल किया गया था और वह कभी भी किसी भी तरह के फिक्सिंग में शामिल नहीं थे। पूर्व विकेटकीपर ने आगे कहा कि आईसीसी की भ्रष्टाचार एंटी-करप्शन यूनिट को इस घटना की रिपोर्ट करने में उन्हें चार महीने लग गए क्योंकि उन्हें अपनी और परिवार की जान का खतरा था। उनकी सुरक्षा को लेकर टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने चिंता जताई है। उन्होंने ब्रेंडन टेलर के बयानों पर गुस्सा, घृणा और निराशा व्यक्त की है।
गौतम गंभीर ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए इस मामले में कहा कि, 'जब भी किसी गलत काम की बात आती है तो मैं पूरी तरह से जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण पर अपने विचार रखता हूँ। मैं टेलर के बयानों को निराशा, घृणा और क्रोध के भाव से पढ़ रहा था। मैंने इसे एक बार पढ़ा लेकिन इससे मुझे गुस्सा नहीं आया। मैंने इसे फिर से पढ़ा और फिर भी गुस्सा नहीं हुआ। मैंने इसे तीसरी बार पढ़ा तो मेरी भावनाएं अलग थी। मुझे गलत मत समझो क्योंकि मैं टेलर का समर्थन नहीं कर रहा हूँ।
गौतम गंभीर ने इस सन्दर्भ में आगे कहा कि, 'मैं केवल उन परिस्थितियों के बारे में चिंतित हूं, जिसने उन्हें अपने और अपने परिवार के जीवन के लिए आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट को रिपोर्ट करने में देरी करने के लिए मजबूर किया। टेलर एक खिलाड़ी है और कठोर अपराधी नहीं है। छह व्यक्ति एक वीडियो जारी करने की धमकी के साथ उनके होटल के कमरे में घुस गए, जहां वह कथित तौर पर एक नशे का सेवन कर रहे थे। टेलर के साथ हुई जबरन कोशिशों और उनकी सुरक्षा पर गौतम गंभीर की यह चिंता उनके व्यक्तिव को दर्शाती है।