मांकडिंग (Mankading) यानी नॉन स्ट्राइकर एंड (Non Striker End Runout) पर गेंद डालने से पहले बल्लेबाज को आउट करना एक विवादित विषय रहा है। इस मुद्दे पर कई बार बातें हुई है और जब भी क्रिकेट जगत में ऐसा होता है तो फिर से चर्चाएं शुरू हो जाती है। इस बार श्रीलंका के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है और गेंदबाजों का समर्थन किया है।
नॉन-स्ट्राइकर एंड रन आउट पर विश्व क्रिकेट समिति ने सुनाया फैसला
मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब में विश्व क्रिकेट समिति (WCC) के सदस्य और श्रीलंका के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा का मानना है कि नॉन स्ट्राइकर एंड पर गेंद डालने से पहले बल्लेबाज को रनआउट करने पर गेंदबाज को विलने यानी खलनायक नहीं समझना चाहिए।
नॉन-स्ट्राइकर एंड रन आउट करना गलत नहीं
उन्होंने कहा कि,
"जब बल्लेबाज गेंदबाज द्वारा गेंद फेंकने से पहले क्रीज छोड़ता है, तो रिस्क यानी जोखिम उठाता है। उसे पता होता है कि वह आउट हो सकता है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसपर पिछले कई सालों से बातें चलती आ रही है। क्रिकेट समुदाय के कुछ लोग मांकडिंग के पक्ष में हैं तो कुछ विपक्ष में। क्रिकेट में जब-जब ऐसी घटना होती है तब-तब स्प्रिट ऑफ क्रिकेट पर बहस शुरू हो जाती है।"
वर्ल्ड क्रिकेट कमेटी यानी विश्व क्रिकेट समिति की एक मीटिंग हाल ही में दुबई में हुई थी, जिसमें नॉन-स्ट्राइकर एंड पर गेंद फेंकने से पहले किए जाने वाले रन आउट पर चर्चा हुई। इस चर्चा के बाद कुमार संगाकारा ने एक मीडिया रिलीज में कहा कि,
"यहां गेंदबाज कोई विलेन नहीं है। हर बल्लेबाज के पास अपने क्रीज में रहने या रिस्क लेने का विकल्प होता है, जिसमें वो रन आउट भी हो सकते हैं। अगर बल्लेबाज दूसरा विकल्प चुनता है तो वह वही है, जो नियमों को तोड़ रहा है।"
सौरव गांगुली भी थे मीटिंग के सदस्य
इस मीटिंग के चेयरमैन माइक गैटिंग थे। उनके अलावा इस मीटिंग में विश्व क्रिकेट समिति के सदस्य कुमार संगकारा, जेमी कॉक्स, सूजी बेट्स, क्लेयर कॉनर, सर एलिस्टेयर कुक, कुमार धर्मसेना, सौरव गांगुली, जस्टिन लैंगर, रमिज़ राजा, ग्रीम स्मिथ और रिकी स्केरिट भी मौजूद थे।