किसी भी खेल में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने वाली पहली आदिवासी महिला क्रिकेटर फेथ थॉमस का 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। फेथ थॉमस एक फास्ट बॉलर थी, जो फरवरी 1958 में मेलबर्न के जंक्शन ओवल में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेली थी।
फेथ थॉमस चुराए गए पीढ़ियों (Stolen Generations Policy) की नीति की एक पीड़ित थीं और उन्हें साउथ ऑस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स रेंजेज़ में कोलब्रूक होम में बड़ा किया गया था। वे बचपन में घर के बने बल्लों और एक पत्थर का इस्तेमाल करके मिट्टी की सड़कों पर क्रिकेट खेला करती थी। फेथ थॉमस को रॉयल एडिलेड अस्पताल में नर्सिंग का अध्ययन करने का अवसर प्राप्त हुआ, जहाँ उन्हें हॉकी और क्रिकेट में रुचि हुई।
क्लब क्रिकेट से की थी करियर की शुरुआत
फेथ थॉमस ने अपनी करियर की शुरुआत एडिलेड में क्लब गेम्स खेलकर की, और थोड़ी देर बाद, वह दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने के लिए चुनी गई। उसके एक साल बाद, वह ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलीं। उसके बाद उसे इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टूर के लिए स्क्वाड में शामिल होने का मौका मिला, लेकिन उन्होंने अपने नर्सिंग करियर पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया।
साल 2019 में उन्हें क्रिकेट और अबोरिजिनल और टॉरेस स्ट्रेट आइलैंडर समुदाय में उनकी सेवाओं के लिए ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया के अवार्ड से सम्मानित किया गया। एडिलेड स्ट्राइकर्स भी उन्हें सम्मानित करने के लिए हर साल WBBL में फेथ थॉमस ट्राफी के लिए खेलते हैं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ निक हॉकली ने फेथ थॉमस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा,
फेथ थॉमस ने क्रिकेट और समुदाय के लिए एक उत्कृष्ट और अहम योगदान दिया था, और यह सभी के लिए एक बहुत ही दुखद दिन है। मैं ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के हर व्यक्ति की ओर से फेथ के परिवार, दोस्तों, सहयोगियों और सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं, जिन्हें उनकी विस्तृत योगदान से फायदा हुआ है।