द हंड्रेड टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही महिला क्रिकेटरों ने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) पर वेतन असमानता का आरोप लगाया है। बोर्ड कथित तौर पर पार्ट-टाइम महिला क्रिकेटरों को मुआवजा देने के अनुरोध का जवाब देने में विफल रहा, जो टूर्नामेंट के दौरान अपनी नियमित नौकरी करने में असमर्थ हो सकते हैं।
द हंड्रेड अपने खिलाड़ियों के लिए बायो-सुरक्षित माहौल को अनिवार्य नहीं करता है। हालांकि, ईसीबी खिलाड़ियों को टीम छोड़ने की अनुमति देने से पहले उनके बाहरी कामकाजी माहौल का खतरे का मूल्यांकन करेगा।
पुरुषों में कई पेशेवर क्रिकेटर इस टूर्नामेंट का हिस्सा हैं जबकि महिलाओं में कई पार्ट-टाइम क्रिकेटर्स हिस्सा ले रही हैं। इसका मतलब हो सकता है कि कई महिला क्रिकेटरों को द हंड्रेड के दौरान अपने नियमित काम करने की अनुमति नहीं होगी।
इंग्लैंड की केट क्रॉस ने टेलीग्राफ स्पोर्ट से बातचीत में चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि क्रिकेट से लड़कियां इसलिए हट रही हैं क्योंकि वह खेलने का जोखिम नहीं उठा सकती हैं।
क्रॉस ने कहा, 'मैं नहीं चाहती कि क्रिकेट से लड़कियां अपना नाम वापस ले क्योंकि वह खेलने का जोखिम नहीं उठा सकती हैं। जब तक वो निचले ब्रेकेट नहीं भरते, आपके टूर्नामेंट से लड़कियां हटेंगी क्योंकि उन्हें उनके काम की रकम नहीं मिल रही है। और जब से आपको कुछ ऐसी महिलाएं मिली हैं, जिन्हें अब काम से हाथ धोना पड़ रहा है, तब से COVID की स्थिति काम नहीं कर रही है। उनके लिए कोई सब्सिडी नहीं है, क्योंकि उन्हें माहौल से बाहर निकलने और काम करने की अनुमति नहीं है।'
हालांकि महिला क्रिकेटर्स द हंड्रेड में प्रत्येक टीम के आधे दस्ते का गठन करती हैं, लेकिन उनका वेतन पुरुष साथियों की तुलना में बहुत कम है। पुरुष क्रिकेटरों को कथित तौर पर पांच सप्ताह की अवधि के लिए 25 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए की कमाई करने के लिए तैयार किया गया है। दूसरी ओर, महिला क्रिकेटरों की वेतन सीमा 4 लाख रुपए से लेकर 15 लाख रुपए तक है।
केट क्रॉस चाहती हैं कि ईसीबी इस फंड का उपयोग करे
ऑस्ट्रेलिया की 11 महिला क्रिकेटरों के लिए द हंड्रेड में खेलने के लिए 10 लाख रुपए की विशेष धनराशि डिसबर्समेंट फंड्स के रूप में रखी गई थी। हालांकि, सभी 11 खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया। केट क्रॉस चाहती हैं कि ईसीबी इस फंड का उपयोग करके महिला क्रिकेटरों के वेतन में बढ़ोतरी करे।
उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी इस लीग में हिस्सा नहीं ले रही हैं। क्या इन पैसों का उपयोग सबसे कम रकम पाने वाली महिला क्रिकेटरों को भुगतान करके किया जा सकता है। मुझे इसका कोई जवाब नहीं मिला।'