भारतीय टीम इस समय वर्ल्ड कप (ICC Cricket World Cup 2023) में कमाल का फॉर्म दिखा रही है। टीम इंडिया ने अब तक खेले सभी 6 मुकाबले में विरोधी टीम को पटखनी दी है। वहीं इस वर्ल्ड कप के बीच भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी के रूप में भारतीय टीम की कप्तानी पाना कभी भी मेरी प्राथमिकता नहीं थी।
जियो सिनेमा पर भारत के पूर्व खिलाड़ी संजय मांजरेकर से बात करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि ‘मैंने कभी कप्तान बनने की इच्छा नहीं की। हां, मेरा दिमाग तेज था और इसलिए मैं अपने विचार को खिलाड़ियों के साथ साझा करता रहता था। ग्रेग चैपल का भी धन्यवाद उनके कारण मैं कभी उपकप्तान नहीं बन सका क्योंकि मैंने अपना फॉर्म थोड़ा खो दिया था। मैं अपने खेल से फैंस का मनोरंजन करना चाहता था। कप्तानी लेने पर मेरा ध्यान कभी इतना नहीं था।’
वीरेंद्र सहवाग ने अपने टेस्ट करियर में टीम से निकाले जाने को लेकर भी बड़ी बात कही है। दरअसल, वीरेंद्र सहवाग को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के पहले दो टेस्ट मैच के बाद बाहर कर दिया गया था। उनके जगह पर शिखर धवन को भारतीय टीम में शामिल किया गया था। इसके बाद सहवाग की ओर चयनकर्ता ने एक बार भी नहीं देखा।
इसे लेकर सहवाग ने कहा कि, 'मुझे इसका कोई आइडिया नहीं था कि मैं बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दो टेस्ट मैच के बाद बाहर कर दिया जाऊंगा। अगर मुझे पता होता कि चयनकर्ता अब मेरी ओर नहीं देखेंगे तो मैं पहले ही अपने संन्यास का ऐलान कर देता। मेरा मानना है कि टीम में चयन प्रदर्शन के आधार पर होना चाहिए।'
आपको बता दें कि भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी अपने करियर में 104 टेस्ट मैच में टीम का प्रतिनिधत्व किया था। इस दौरान सहवाग के बल्ले से 8586 रन निकले थे। उन्होंने टेस्ट में 23 शतक लगाए थे।