भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की बात जब भी होती है तो उन्हें विश्व क्रिकेट के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक माना जाता है। उन्हें पहली बार 2007 में भारत का कप्तान बनाया गया था, जिसके बाद उन्होंने सन् 2016 तक भारत की कप्तानी की और तीन बार आईसीसी ट्रॉफी भी जितवाई। जिसमें टी-20 वर्ल्ड कप 2007, वनडे वर्ल्ड कप 2011 और चैंपियंस ट्रॉफी 2013 की जीत शामिल है।
महेंद्र सिंह धोनी को कैसी मिली कप्तानी?
वेस्टइंडीज में हुए वनडे वर्ल्ड कप 2007 के ग्रुप स्टेज से बाहर होने के बाद भारतीय क्रिकेट में काफी उथल-पुथल मची हुई थी। उसी बीच भारतीय टीम मैनेजमेंट ने कई सीनियर खिलाड़ियों को दरकिनार करके एम एस धोनी को कप्तानी सौंपी और वो कदम भारतीय क्रिकेट के लिए एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। धोनी को पहली बार कप्तानी देने के बारे में बात करते हुए उस वक्त के पूर्व भारतीय चयनकर्ता भूपिंदर सिंह ने इस बात का खुलासा किया है कि आखिर क्यों टीम मैनेजमेंट ने अचानक एक युवा खिलाड़ी को टीम की कप्तानी सौंपी। उन्होंने हिंदूस्तान टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में बताया कि,
"एक कप्तान चुनने के लिए टीम में एक स्वत: पसंद होने के अलावा, आप खिलाड़ी के क्रिकेट स्किल्स, शरीर की भाषा, सामने से नेतृत्व करने की क्षमता और मानव प्रबंधन कौशल को देखते हैं। हमने धोनी के खेल का दृष्टिकोण, उनके शरीर की भाषा, वह दूसरों से कैसे बात करते हैं, इन सभी चीजों को देखा और हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और इसलिए हमनें उन्हें कप्तानी दी।"
महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में कई ऐतिहासिक जीत के साथ-साथ कई ऐसे फैसले भी लिए, जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए बेहतरीन साबित हुए। मसलन, उन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में अचानक रोहित शर्मा को मध्यक्रम से ओपनर बल्लेबाज बनाया और आज रोहित व्हाइट-बॉल क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ ओपनर बल्लेबाजों में से एक हैं।
ऐसे ही विराट कोहली ने भी एक बार अपने इंटरव्यू में बताया था कि टीम मैनेजमेंट उन्हें ड्रॉप करना चाहती थी, लेकिन धोनी ने उनका बचाव किया था। उसके बाद विराट ने भी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। महेंद्र सिंह धोनी के बाद विराट कोहली और अब रोहित शर्मा ने भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी संभाली है, लेकिन भारत ने अपनी आखिरी आईसीसी ट्रॉफी करीब 10 साल पहले धोनी की कप्तानी में ही जीती थी।