भारतीय टीम के स्टार युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। अपने डेब्यू टेस्ट में ही यशस्वी ने शानदार आगाज करते हुए शतक ठोका था। यशस्वी को क्रिकेटर बनने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। सोशल मीडिया पर उनकी एक तस्वीर भी काफी वायरल होती है जिसमें वह अपने पिता के साथ पानीपुरी बेचते नजर आते हैं। तो क्या यशस्वी पानीपुरी बेचकर और संघर्षों से गुजरते हुए ही क्रिकेटर बन पाए है। इन सभी बातों पर से उनके बचपन के कोच ज्वाला सिंह ने पर्दा उठाया है।
ज्वाला सिंह ने बताया पानीपुरी बेचने की सच्चाई
यशस्वी जायसवाल के कोच ज्वाला सिंह का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह क्रिकक्रैक नामक इंस्टाग्राम अकाउंट को इंटरव्यू देते बड़ा खुलासा किया है। ज्वाला सिंह ने कहा कि ‘जब पानीपुरी बेचने की कहानी सामने आती है तो मुझे एक कोच और पिता होने के नाते दुख होता है। सोशल मीडिया पर जो फोटो आता है जिसमें एक आदमी खड़ा और वह पानीपुरी खिला रहा है। साल 2018 में एक टीवी चैनल ने कहा था कि हमें एक ऐसा विजुअल चाहिए। उस वक्त वह एक स्टॉल पर गया जहां मेरे ही अकादमी के बच्चे थे जिसे वह पानीपुरी खिला रहा था। यशस्वी 2013 से लेकर 2022 तक मेरे घर पर रहा है। हमने हमेशा उसे एक बेटे की तरह रखा है। तो जो कहानी सोशल मीडिया पर चलती वह 10 साल पुरानी बात है उससे दुख होता है।’
आपको बता दें कि यशस्वी जायसवाल भारत के होनहार बल्लेबाज माने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने वेस्टइंडीज दौरे पर टेस्ट सीरीज के दौरान बतौर सलामी बल्लेबाज के रूप में डेब्यू किया था। उन्होंने अपने डेब्यू मैच में ही कमाल की बैटिंग करते हुए 171 रन बनाए थे। टेस्ट में डेब्यू कर चुके यशस्वी को अब अपने लिमिटेड ओवर्स फॉर्मेट में डेब्यू का इंतजार है।