टीम इंडिया (Team India) के पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) के पूर्व ऑलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स के बीच साल 2008 में बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला के दूसरे टेस्ट के दौरान एक बड़ा विवाद देखने को मिला था और वह विवाद इतना बड़ा हो गया था कि दौरे को लगभग रद्द कर दिया गया था। इस विवाद को 'मंकीगेट' के नाम से जाना गया है और कई सालों बाद हरभजन सिंह ने एक बार फिर इस विवाद पर बड़ी बात की है और नए खुलासों के साथ अपनी भावनाएं रखी है।
बैकस्टेज विद बोरिया शो में हरभजन सिंह से मंकीगेट विवाद और उनकी पग को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने उस घटना को याद करते हुए संक्षिप्त में बताया कि, “जाहिर है मैं परेशान था, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है। जो हुआ ही नहीं था उसके लिए इतना कुछ क्यों, जो बात मैंने नहीं कही थी और न ही किसी ने सुना तो उसके लिए उन्होंने 6 या 7 गवाह खड़े कर दिए थे।' इस विवाद के दौरान ऑफ स्पिनर पर फेंकी गई गालियों को भुला दिया गया जिसपर हरभजन सिंह ने रोशनी डाली है।
हरभजन सिंह को दर्शकों द्वारा उनके धर्म को लेकर अपमानजनक बातें बोली गई और साथ ही गालियाँ भी दी गई, जिसपर उन्होंने कहा कि, "मैदान पर रहते हुए मुझसे जो बातें कही गईं वह बेहद ही अपमानजनक थी। वहां लोगों ने मुझसे कहा कि, 'आपके सिर पर टेस्टीकल्स हैं', मेरे धर्म के प्रति ऐसा अपमान सुनना मेरे लिए सबसे कठिन बात थी। मैंने तब अपना मुंह नहीं खोला क्योंकि अगर मैं ऐसा करता, तो इससे और विवाद होते।'
हरभजन सिंह ने सचिन तेंदुलकर की किताब में इस विवाद को लेकर खुलकर बाते की है, जिसमें एक किस्सा सचिन ने शेयर करते हुए बताया कि मामला शांत करने के लिए मैं जब भज्जी के पास जा रहा था, तो उन्होंने सायमंड्स को तेरी माँ की.. कहा था, जिसे मंकी समझ लिया गया था और उनपर नस्लवाद के आरोप लगाये गए थे।