पूर्व दिग्गज भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को उनकी जबरदस्त बल्लेबाजी के लिए जाना जाता था। युवी को तेज गेंदबाज हों या स्पिनर, सभी के सामने खुलकर बल्लेबाजी करना पसंद था। स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ युवराज के लम्बे-लम्बे छक्के आज भी दर्शकों को याद हैं। इस दिग्गज ने भारत की 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप जीत में बहुत ही अहम योगदान दिया था। बल्ले के साथ युवी को गेंदबाजी के लिए जाना जाता था।
हाल ही में दिग्गज खिलाड़ी ने खुलासा किया कि उन्होंने शुरू से ही तेज गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी का अभ्यास किया लेकिन जब वह दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के सामने आये तो उन्हें बिलकुल भी नहीं पढ़ पाए थे।
स्पोर्ट्स 18 के साथ इंटरव्यू में युवराज ने कहा,
बचपन से ही मेरे पिता ने मुझे फास्ट ट्रैक पर खेलने के लिए तैयार किया। वह मुझे गीली टेनिस गेंदों से, गीली चमड़े की गेंदों से 17 गज के विकेट पर गेंदबाजी करते थे। वह जानते थे कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेज गेंदबाजों को खेलने के लिए आपको दिलेरी की जरूरत होती है। उन्होंने मुझे इस चुनौती के लिए तैयार किया इसलिए मैं उस तरह की गति का सामना कर सका। शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पारी ने मुझे काफी आत्मविश्वास दिया।
फिर मैं शारजाह से श्रीलंका गया और वहां मुरलीधरन थे। मैं स्पिन गेंदबाजी का अच्छा खिलाड़ी था लेकिन विश्व स्तरीय स्पिनरों के साथ खेलना बिल्कुल अलग था। मैं एक युवा खिलाड़ी था जो खेल के बारे में सीख रहा था, और मैं उन्हें बिल्कुल भी नहीं पढ़ सका।
सचिन ने स्वीप शॉट खलने की दी सलाह - युवराज सिंह
पूर्व खिलाड़ी ने आगे बताया कि उन्होंने दिग्गज सचिन तेंदुलकर से मदद मांगी और उन्होंने स्वीप शॉट सीखने की सलाह दी। युवराज ने कहा,
मैंने सचिन से बात की कि इन लोगों का मुकाबला कैसे किया जाए, स्पिन गेंदबाजी कैसे खेलें? उन्होंने मुझे स्वीप शॉट खेलना सीखने को कहा। शुरुआत में मैं इस तरह के शॉट खेलने की कोशिश में कई बार आउट हुआ लेकिन बाद में मैं स्पिनरों पर हावी होने लगा