भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के दिग्गज खिलाड़ी रहे युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया। उनके बेहतरीन खेल के कारण भारतीय टीम ने टी20 वर्ल्ड कप 2007 में फ़तेह पाई, तो आईसीसी विश्व कप 2011 की जीत में भी युवराज सिंह का बड़ा योगदान रहा। युवराज सिंह टी20 और वनडे क्रिकेट में सबसे बड़े खिलाड़ी रहे लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनका करियर उतार चढ़ाव वाला रहा। अपने टेस्ट करियर को लेकर युवराज सिंह ने ट्विटर पर एक स्पोर्ट्स वेबसाइट को मजेदार जवाब दिया।
विजडन इंडिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर अकाउंट पर दर्शकों से बड़ा सवाल करते हुए लिखा कि आपके अनुसार किस पूर्व भारतीय क्रिकेटर को ज्यादा टेस्ट मैच खेलने चाहिए थेे? विजडन इंडिया ने इस सवाल पर युवराज सिंह का फोटो लगाया, जिसपर युवराज सिंह ने खुद लिखते हुए मजेदार जवाब दिया। युवराज सिंह ने कमेन्ट करते हुए लिखा कि शायद अगले जन्म में मुझे मौका मिले और हाँ 7 सालों तक मैं 12वां खिलाड़ी न बनकर रहूँ। युवराज सिंह के इस जवाब पर दर्शकों में भी तकरार देखने को मिली। कुछ फैन्स ने युवराज सिंह का पक्ष लिया, तो कुछ ने उनके इस कमेन्ट का विरोध किया।
युवराज सिंह ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत साल 2003 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ की थी। उन्होंने इस दौरान 40 टेस्ट मैच खेले लेकिन ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाए। युवराज सिंह मध्यक्रम के बेहतरीन बल्लेबाज थे लेकिन ज्यादातर समय टेस्ट टीम से बाहर ही रहते थे, क्योंकि भारतीय टेस्ट टीम के मध्यक्रम में दिग्गज बल्लेबाज मौजूद थे, जिसमें सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली जैसे खिलाड़ियों के नाम मौजूद थे। सलामी बल्लेबाजी के रूप में वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर ने अच्छा प्रदर्शन किया, जिसके चलते उन्हें कम मौके मिले।
टेस्ट फॉर्मेट में कम मौके मिलने को लेकर युवराज सिंह ने कटाक्ष करते हुए मजेदार जवाब दिया है। युवराज सिंह ने अपने टेस्ट करियर में तीन शतक जड़े। यह तीनों शतक पाकिस्तान के खिलाफ ही आये, जिसमें उन्होंने दो पाकिस्तान की जमीन पर बनाये, तो एक उन्होंने भारत में लगाया। 40 टेस्ट मैच के करियर में युवराज सिंह ने 1900 रन बनाये।