भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली इन दिनों बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष और दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार की दोहरी भूमिका निभाने को लेकर परेशानी में चल रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन को पत्र लिखकर अपनी सफाई दी थी कि दोहरी भूमिकाओं का हितों के टकराव से कोई लेना देना नहीं है। अब कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के सीईओ वेंकी मैसूर ने भी कहा है कि टीम को इससे कोई परेशानी नहीं है। वहीं, सुनने में आ रहा है कि हितों के टकराव मामले में उन्हें राहत मिल सकती है। उन्हें दिल्ली के डगआउट में बैठने से नहीं रोका जाएगा। बस इसके लिए उन्हें बीसीसीआई लोकपाल के समक्ष पेश होना पड़ सकता है।
सूत्रों की मानें तो हितों के टकराव मामले में आखिरी फैसला लेने से पहले बीसीसीआई लोकपाल सौरव गांगुली का पक्ष भी सुनना चाहते हैं। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा भी है कि सौरव गांगुली को दिल्ली कैपिटल्स के डगआउट में बैठने से नहीं रोका गया है। कोई कानून उन्हें डगआउट में बैठने से नहीं रोक सकता है। अगर वह डगआउट की जगह कहीं और भी बैठना चाहते हैं तो यह उनका निजी फैसला होगा। इससे उन्हें कोई नहीं रोकेगा।
केकेआर सीईओ वेंकी मैसूर ने कहा कि सौरव गांगुली पूरी तरह से पेशेवर हैं। वह जानते हैं कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन उन्हें किस तरह करना है। हम जो कुछ भी करते हैं, वह उसका पूरा समर्थन करते हैं। हमें उनसे जरा सी परेशानी नहीं हो रही है। इसके अलावा, वैंकी ने आईपीएल को खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि 2019 के विश्वकप से पहले इंडियन प्रीमियर लीग में खिलाड़ियों का शामिल होना अभ्यास सत्र में पसीना बहाने से ज्यादा अच्छा है। इससे खिलाड़ियों में उत्साह बना रहेगा और उनका अभ्यास भी होता रहेगा। ऐसे में विश्वकप में खिलाड़ियों का प्रदर्शन और निखरकर आएगा।
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