इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 में अब कुछ ही दिन बचे हुए हैं और सभी टीमें वर्ल्ड कप की तैयारी में लगी हुई हैं। वर्ल्ड कप 2019 से पहले अभी भारत में आईपीएल 2019 खेला जा रहा है, जिससे वर्ल्ड कप की तैयारी पूरी हो जाएगी लेकिन 8 साल पहले 2 अप्रैल 2011 के दिन भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 28 साल बाद वर्ल्ड कप का सूखा खत्म कर के क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप पर अपना कब्जा किया था। भारतीय टीम ने दूसरी बार क्रिकेट वर्ल्ड कप को जीता था, इससे पहले भारत की टीम ने कपिल देव की अगुवाई में 1983 का वर्ल्ड कप जीता था। क्रिकेट वर्ल्ड कप 1983 जीतने के बाद भारतीय टीम वर्ल्ड कप 2003 के फाइनल तक पहुंची लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने भारत को फाइनल में हराकर वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया था।
वर्ल्ड कप के फाइनल में 2 बार हुआ टॉस
वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। जब मैदान पर दोनों टीम के कप्तान टॉस के लिए आए तब धोनी के सिक्का उछाला लेकिन मैदान में दर्शकों के काफी ज्यादा शोर से मैच रेफरी जैफ क्रो श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगाकारा की आवाज सुन नहीं पाए, जिसकी वजह से टॉस फिर से हुआ। इस बार टॉस श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगाकरा ने जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। वानखेड़े स्टेडियम में जो टीम पहले बल्लेबाजी करती है उस टीम के मैच जीतने की संभावनाएं ज्यादा हो जाती हैं। इसलिए फाइनल में 2 बार टॉस होना एक विवाद भी बन सकता था।
नुवान कुलासेखरा की गेंद पर धोनी का छक्का
फाइनल मैच जब भारत जीतने के करीब था और 11 गेंदों पर सिर्फ 4 रन चाहिए थे, तब धोनी ने नुवान कुलासेखरा कि गेंद पर छक्का लगाकर वर्ल्ड कप भारत के नाम कर दिया। धोनी फाइनल मैच में मैन ऑफ द मैच चुने गये थे, धोनी ने फाइनल में 79 गेंदों पर 8 चौके 2 छक्के की मदद से नबाद 91 रन बनाये थे।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को कंधे पर उठाया
भारतीय टीम जब 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीती तब पूरा भारत जश्न में डूब गया, भारतीय टीम के खिलाड़ियों के आंखों से खुशी के आंसू निकल रहे थे। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदूलकर भी इस मौके पर भावुक हो गए क्योंकि सचिन का वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा हो गया था। टीम ने बीच सचिन का सम्मान देते हुए कुछ खिलाड़ियों ने सचिन तेंदुलकर को कंधों पर उठाकर मैदान का चक्कर लगाया जो क्रिकेट के सबसे सुनहरे पलों में से एक था।