आज ही का वो दिन था जब सचिन तेंदुलकर की संघर्षपूर्ण शतकीय पारी भी भारत को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गये टेस्ट मैच में जीत नही दिला सकी थी। 1998-99 में पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर आयी थी। 2 मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट 28 जनवरी को शुरू हुआ।
उस वक्त टीम इंडिया के कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन हुआ करते थे। पहला टेस्ट चेन्नई में खेला गया, जहां पाकिस्तानी कप्तान वसीम अकरम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। मगर अनिल कुंबले (6/70) की घातक गेंदबाजी के सामने पाकिस्तानी बल्लेबाज 238 रन ही बना सके। मोहम्मद यूसुफ ने 53 और मोइन खान ने 60 रन की अर्धशतकीय पारी खेली। इसके जवाब में भारत ने सौरव गांगुली (54) और राहुल द्रविड़ (53) की मदद से 254 रन बनाये और 16 रनों की बढ़त हासिल की। सकलैन मुश्ताक ने भारत के 5 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा।
इसके बाद दूसरी पारी में पाकिस्तान के ओपनर शाहिद अफरीदी ने 141 रनों की मदद से 286 रन बना डाले। अफरीदी के अलावा इंजमाम उल हक ने भी 51 रन बनाये जबकि दूसरी पारी में भारत की तरफ से वेंकटेश प्रसाद ने 33 रन देकर 6 विकेट हासिल किये।
31 दिसंबर को मैच के चौथे दिन चौथी पारी में भारत के सामने 271 रनों का मुश्किल लक्ष्य था, लेकिन भारत के दोनों ओपनर सदगोपन रमेश और वीवीएस लक्षमण 6 रन के कुल स्कोर तक पवेलियन लौट गये। वही राहुल द्रविड भी 10 रन बनाकर आउट हो गये। इसके बाद कप्तान अजहरद्दीन और सौरव गांगुली भी सस्ते में चलते बने। 82 के स्कोर तक भारत की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी।
यहां से नयन मोंगिया और सचिन तेंदुलकर ने छठे विकेट के लिये 136 रनों की साझेदारी की। 52 रन बनाकर जब मोंगिया आउट हुये तब भारत जीत से 52 रन दूर था, लेकिन सचिन क्रीज पर थे तो जीत आसान लग रही थी। जब भारत जीत से महज 16 रन दूर था तब एक अनहोनी हुई और 136 रन बनाकर सचिन आउट हो गये। सचिन के जाते ही भारत ने अपने 3 विकेट 4 रन बनाकर गंवा दिये और भारत को 12 रनों से हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि संघर्षपूर्ण 18वें टेस्ट शतक के लिये सचिन को मैन ऑफ द मैच जरूर मिला।
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