13 जुलाई 2002 ये वो दिन है, जब भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरूआत हुई थी। हम कह सकते हैं कि इस दिन के बाद भारतीय क्रिकेट काफी आगे निकल गई थी और उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। भारतीय टीम ने आज ही के दिन 2002 में एक रोमांचक मुकाबले में इंग्लैंड को हराकर नेटवेस्ट ट्रॉफी अपने नाम की थी और इस जीत के बाद भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी से अपना शर्ट हवा में लहराकर जश्न मनाया था। ये भारतीय क्रिकेट की आइकॉनिक तस्वीर बन गई।
पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने सलामी बल्लेबाज मार्क ट्रेस्कॉथिक और कप्तान नासिर हुसैन के शतकों की बदौलत 50 ओवर में पांच विकेट के नुकसान पर 325 रनों का स्कोर खड़ा किया। उस जमाने में ये टार्गेट काफी बड़ा था। हालांकि भारत की सलामी जोड़ी ने मजबूत शुरुआत दिलाई। 15 ओवर के अंदर ही वीरेंदर सहवाग और सौरव गांगुली ने पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की लेकिन इसके बाद दोनों ही बल्लेबाज अपने विकेट गंवा बैठे। 25 ओवर खत्म होने से पहले ही भारत की आधी टीम 146 रन बनाकर पवेलियन लौट चुकी थी। खासकर सचिन तेंदुलकर के आउट हो जाने से टीम इंडिया पर जबरदस्त दबाव बढ़ गया।
युवराज और कैफ की साझेदारी ने पलटा था मैच का रुख
भारतीय टीम के जीत की उम्मीदें खत्म हो चुकी थीं लेकिन इसके बाद युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने अपनी-अपनी पारियों से पूरे मैच का पासा ही पलट दिया। इन दोनों प्लेयर्स ने अपनी साझेदारी से असंभव को संभव कर दिखाया। पांचवें विकेट के लिए दोनों बल्लेबाजों के बीच 121 रनों की शानदार साझेदारी हुई। युवराज 69 रन बनाकर आउट हुए। वहीं कैफ अंत तक डटे रहे और भारत को सबसे यादगार वनडे जीत दिलाई। मोहम्मद कैफ ने नाबाद 87 रन की पारी खेली थी और 2 विकेट शेष रहते हुए टीम इंडिया को टार्गेट तक पहुंचा दिया था। भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने इस जीत का जश्न मनाने के लिए अपने टीशर्ट को निकाल कर जोश के साथ हवा में लहराया था।