साल 2007 में हुए पहले टी20 विश्व कप में भारतीय टीम ने जीत हासिल की थी। फाइनल मुकाबले में चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को हराकर भारतीय टीम ने खिताब जीता था। जोगिंदर शर्मा की गेंद पर जैसे ही श्रीसंत ने मिस्बाह-उल-हक का कैच लपका था, पूरा हिंदुस्तान खुशी से झूम उठा था। ये मैच तो सबको याद है लेकिन इसी टूर्नामेंट में लीग स्टेज में हुए मुकाबले में भी भारत ने पाकिस्तान को हराया था और ये मैच रोमांच के चरम पर पहुंच गया था। भारतीय टीम ने बॉल आउट में इस मैच को जीता था।
आपको बता दें जब दोनों टीमों का स्कोर बराबर रहता है तो मैच के नतीजे का फैसला बॉल आउट से किया जाता है। इस नियम के तहत दोनों टीमों की तरफ से 5-5 खिलाड़ी स्टंप पर निशाना लगाते हैं और जो टीम सबसे ज्यादा बार निशाना लगा लेती है उसे विजेता घोषित किया जाता है।
डरबन में खेले गए उस मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 141 रनों का स्कोर खड़ा किया था। रॉबिन उथप्पा ने 50 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी और कप्तान धोनी ने भी 31 गेंद पर 33 रन बनाए थे। इरफान पठान ने 15 गेंद पर 20 रनों की पारी खेली थी। पाकिस्तानी टीम के लिए ये लक्ष्य कोई ज्यादा बड़ा नहीं था लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और पाकिस्तान की टीम भारतीय टीम जितना स्कोर ही बना पाई। मिस्बाह उल हक ने सबसे ज्यादा 53 रन बनाए थे।
बॉल आउट में भारतीय टीम ने रचा था इतिहास
दोनों टीमों का स्कोर बराबर रहने के बाद बॉल आउट से मैच का फैसला हुआ। भारतीय टीम की तरफ से सबसे पहले वीरेंदर सहवाग ने गेंद डाली और गेंद सीधे स्टंप पर जाकर लगी। पाकिस्तान की तरफ से यासिर अराफात आए लेकिन उनकी गेंद स्टंप के ऊपर से जाकर विकेटकीपर के पास गिरी। फिर भारत की तरफ से हरभजन सिंह आए और उन्होंने भी गिल्लियां बिखेर दी। पाकिस्तान की तरफ से इस बार तेज गेंदबाज उमर गुल आए लेकिन उनका निशाना चूक गया। भारतीय टीम की तरफ से तीसरे खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा आए और उन्होंने भी गिल्लियां बिखेर दी। अब पाकिस्तान को अगले तीनों चांस पर विकेट हिट करने थे लेकिन शाहिद अफरीदी चूक गए और इसी के साथ भारतीय टीम ने ये मैच जीत लिया।