22 अप्रैल 1998, ये वो दिन है जब शारजाह में 'डेजर्ट स्टॉर्म' आया था। आज ही के दिन शारजाह में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी और जबरदस्त पारी खेली थी। हालांकि उनकी इस पारी के बावजूद भारत मैच हार गया था लेकिन तब से इस मैच को 'डेजर्ट स्टॉर्म' के नाम से जाना जाता है।
दरअसल 1998 में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और भारत के बीच शारजाह में कोका कोला कप खेला जा रहा था। इस सीरीज का छठा मैच 22 अप्रैल को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच था। ये लीग स्टेज का आखिरी मुकाबला था और इसके आधार पर ही फाइनल में जाने वाली टीम का चयन होना था। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 284 रन बनाए। मार्क वॉ ने 81 रनों की पारी खेली, इसके अलावा माइकल बेवन ने जबरदस्त पारी खेलते हुए 103 गेंद पर नाबाद 101 रन बनाए।
मैच में तूफान और रेतीली हवाएं चलने लगी, जिससे मैच को काफी समय तक रोकना पड़ा। इसके बाद भारत को 46 ओवर में जीत के लिए 276 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला।
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लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत काफी अच्छी रही। सचिन तेंदुलकर एक छोर पर जबरदस्त बल्लेबाजी कर रहे थे। भारतीय टीम ने 21.5 ओवर में 2 विकेट पर 107 रन बना लिए थे। सौरव गांगुली 17 और नयन मोंगिया 35 रनों की पारी खेलकर आउट हो गए। सचिन तेंदुलकर ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे थे। सचिन तेंदुलकर ने 131 गेंद पर 9 चौके और 5 छक्के की मदद से 143 रनों की शानदार पारी खेली। वो 43वें ओवर में आउट हो गए और उसके बाद भारत वो मैच हार गया। भारतीय टीम 46 ओवर में 5 विकेट पर 250 रन ही बना पाई। वीवीएस लक्ष्मण 23 रन बनाकर नाबाद रहे।
भारतीय टीम ये मैच जरुर हार गई थी लेकिन नेट रन रेट के आधार पर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया था। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया और भारतीय टीम ने उस मैच को जीतकर कोका कोला कप अपने नाम किया। सचिन तेंदुलकर ने 24 अप्रैल को फाइनल मुकाबले में भी 131 गेंद पर 134 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी और टीम को मैच जिताया । खास बात ये है कि जिस दिन उन्होंने ये बेहतरीन पारी खेलकर भारतीय टीम को फाइनल मुकाबला जिताया था, उसी दिन सचिन तेंदुलकर का जन्मदिन भी था जिससे ये जीत और भी खास बन गई थी। उन्हें मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया था।